नीलम जासूस कार्यालय का नया सेट प्रीऑर्डर के लिए तैयार

नीलम जासूस कार्यलय एक उभरती हुई प्रकाशन संस्था है। इन्होने पिछले सेटो वेद प्रकाश काम्बोज के उपन्यासों को पुनः प्रकाशित किया था। यह उपन्यास कई वर्षों से मुद्रण में नहीं थे लेकिन पाठकों की माँग पर इन्हें पुनः मुद्रित किये  गये थे। 
नीलम जासूस कार्यलय अब अपना नया सेट पाठकों के समक्ष लेकर आ रहा है। इस सेट में उन्होंने जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा,वेद प्रकाश काम्बोज के उपन्यासों का पुनः प्रकाशन किया है। इसके अलावा परशुराम शर्मा जी के बाजीगर श्रृंखला के  उपन्यास के दो भागों का प्रकाशन भी किया जा रहा है। यह जानकारी प्रकाशन से जुड़े सुबोध भारतीय ने अपने फेसबुक टाइम लाइन पर दी है।
पिछले कई वर्षों से पाठक ऐसे उपन्यासों की तलाश कर रहे हैं जो अब आउट ऑफ़ प्रिंट हैं। इन उपन्यासों की बिक्री व्हाट्सएप्प और फेसबुक के समूहों पर ऊँची कीमतों पर हो रही है। पुनः प्रकाशन की यह पहल उन पाठकों के लिए तो लाभदायक है ही जिन्हें अपने संग्रह के लिए यह उपन्यास चाहिए लेकिन उनके अलावा नये पाठकों को भी यह इन दिग्गज लेखकों की रचनाओं से अवगत करवाएगी।
नीलम जासूस का नया सेट प्री आर्डर के लिए तैयार

नीलम जासूस कार्यालय द्वारा नये सेट में प्रकाशित किये जा रहे उपन्यास निम्न हैं:
जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा:
शैतान की घाटी (राजेश-जगत श्रृंखला का उपन्यास)
पिशाच सुंदरी (गोपाली श्रृंखला का उपन्यास)
धड़कने (वह उपन्यास जिस पर चमेली की शादी फिल्म का निर्माण हुआ था)

वेद प्रकाश काम्बोज 
कंकालों के बीच (विजय रघुनाथ श्रृंखला का उपन्यास)
टिम्बरलैण्ड के लड़ाखे (अल्फाँसे श्रृंखला का उपन्यास)
अंटार्कटिका का खजाना (अल्फाँसे श्रृंखला का उपन्यास)

परशुराम शर्मा 
बाज़ीगर रन-वे भाग 1
बाज़ीगर रन-वे भाग 2 

इन उपन्यासों को आप निम्न नंबर पर सम्पर्क स्थापित करके प्री आर्डर कर सकते हैं:
9310032470
नीलम जासूस कार्यालय द्वारा पहले प्रकाशित किये गये उपन्यास अमेज़न में भी उपलब्ध हैं जहाँ से आप इन्हें आर्डर करके मँगवा सकते हैं:
अमेज़न
– विकास नैनवाल ‘अंजान’

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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10 Comments on “नीलम जासूस कार्यालय का नया सेट प्रीऑर्डर के लिए तैयार”

  1. पुराने एवं अप्राप्य उपन्यासों को नए कलेवर में लाने की उत्तम योजना ।

    1. जी सही कहा। पाठकों को इससे काफी फायदा होगा।

  2. मेरे लिए दुर्लभ जानकारी.. मैं अक्सर राजहंस के उपन्यास ढूंढती हूँ । एक दो बार मिले भी मगर उनकी सी शैली नहीं लगी ।उम्मीद है कभी आपके ब्लॉग से यह जानकारी भी मिलेगी । इस
    पोस्ट के लेखकों और उपन्यासों की जानकारी के लिए आभार ।

    1. जानकारी आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। राज हंस नाम के लेखक के कुछ उपन्यास अमेज़न के किंडल में मौजूद हैं। अगर आप किंडल अनलिमिटेड सब्सक्राईबर हैं तो यह उपन्यास आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के पढ़ सकती हैं। आप इन उपन्यासों को चेक कर सकती हैं की यह वही राज हंस है या कोई दूसरे। किंडल किताबों के सैंपल आसानी से पढ़ने को मिल जाते हैं।

      किताबों का लिंक निम्न है: राजहंस के उपन्यास

    2. ये वही राजहंस हैं विकास जी जो सत्तर एवं अस्सी के दशक में अपने सामाजिक उपन्यासों के लिए अत्यन्त लोकप्रिय थे । किंडल पर जो उपन्यास हैं, वे वैसे ही हैं जैसे मीना जी ढूंढ रही हैं (बहुत पहले के लिखे हुए) । आपका यह लेख उपयोगी है, इसमें संदेह नहीं । मैं काम्बोज जी का उपन्यास ज़रूर मंगवाकर पढूंगा ।

    3. जी आभार तब तो उन्हें फायदा होगा। किंडल पर काफी ऐसे उपन्यास आ चुके हैं जो आउट ऑफ़ प्रिंट थे। यह अच्छा हो रहा है कि प्रकाशक किंडल की तरफ संजीदा हो रहे हैं। जानकारी आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। किताब मँगवाईयेगा। किताबों के प्रति आपकी राय की प्रतीक्षा रहेगी।

  3. विकास जी और जितेन्द्र जी हृदय से असीम आभार इस जानकारी के लिए । एक समय था जब बहुत उपन्यास पढ़ने की आदत थी दक्षिण भारत मे प्रवास के दौरान ब्रेक लग गया इस आदत पर । बहुत बार होता है कि फ्लिप्कार्ट या अमेज़न की हिन्दी बुक लिस्ट में वह सब नहीं मिलता जो चाहिए । राजहंस के कुछ उपन्यास पढ़े थे उनकी शैली बेहद अच्छी लगी । आप दोनों का पुनः बहुत बहुत आभार । किंडल पर कभी पढ़ा नही लेकिन अब ट्राई करूंगी ।

    1. जी जानकारी आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा। आपने सही कहा अभी भी कई प्रकाशक ऑनलाइन मौजूद नहीं हैं लेकिन धीरे धीरे यह स्थिति बदल रही है। उम्मीद है ज्यादा से ज्यादा प्रकाशक अपनी किताबों के साथ ऑनलाइन भी मौजूद रहेंगे। किंडल भी ट्राय कीजिएगा। शुरुआत फोन से कर सकती हैं और बाद में डिवाइस ले सकती हैं। मैं 2015 से किंडल पर भी किताब पढ़ रहा हूँ और यह कई मामलो में आरामदायक है। आपके अनुभवों को जानने की इच्छा रहेगी।

  4. Prakasan ka PURA pata de post office ke through book maga sake, corona ke karan corriear service band hai

    1. फोन नम्बर पर सम्पर्क स्थापित करके आप पता जान सकते हैं।

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