कॉमिक बुक 10 अक्टूबर 2020 को पढ़ी गयी
संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 48 | कहानी: कमलेश्वर | कॉमिक रूपान्तर: हनीफ अजहर | चित्रांकन: कदम स्टुडियो | सम्पादक: मनीष गुप्ता | श्रृंखला: विराट #4
विराट 4 |
कहानी:
अंगला और मंगला नामक मायावी ताकतों की करतूतों से विराट सम्पूर्ण सुन्दरगढ़ में बदनाम हो गया था। जो लोग कभी उसे अपना संरक्षक, अपना खैरख्वाह समझते थे वो ही लोग अब उससे नफरत करने लगे थे।
जहाँ एक तरफ विराट को ये समझ नहीं आ रहा था कि उसे बदनाम कौन कर रहा है वहीं दूसरी तरफ सेनापति कालभैरव ने एक ऐसे षड्यंत्र की योजना बना ली थी जिसके चलते विराट महाराज के नजरों में गिर जाने वाला था।
आखिर ऐसा क्या षड्यंत्र रच रहा था सेनापति कालभैरव?
क्या विराट अपने खिलाफ रचे जा रहे षड्यंत्रकारियों का पता लगा पाया?
इन षड्यंत्रों से विराट कैसे उभरा?
ऐसे ही कई प्रश्नों के उत्तर आपको इस कॉमिक के माध्यम से मिलेंगे।
मेरे विचार:
विराट चार विराट श्रृंखला का चौथा कॉमिक बुक है। इस भाग की कहानी तीसरे भाग से ही आगे बढ़ती है। विराट तीन में जिन जिन बिन्दुओं को छेड़ा गया था उन्ही को लेकर कहानी इधर बढ़ाई गयी है। हाँ, कहानी का फॉर्मेट इस तरह से रखा गया है कि अगर आपने तीसरा भाग न भी पढ़ा तो भी इस कहानी को आप एन्जॉय कर पाएंगे लेकिन फिर भी मेरी सलाह यही होगी कि आप शुरुआत से ही इस श्रृंखला को पढ़ें।
कहानी रोचक है। विराट इस कॉमिक में एक नये षड्यंत्र में फंसता हुआ दिखता है। तीसरे भाग में तो वह महाराज के सामने अपने को बेगुनाह साबित कर पाने में सफल हो पाया था लेकिन इस उसके खिलाफ रचा षड्यंत्र मजबूत दिखाई देता है।
इस कॉमिक का ज्यादातर हिस्सा इस षड्यंत्र को रचता हुआ दिखाने और षड्यंत्र की योजना का किर्यान्वन करने में ही जाता है। इस कॉमिक बुक में पाठकों को अंगला मंगला की मायावी शक्तियाँ देखने को मिलती है, दुर्जन सिंह और यशोधरा की प्रेम कहानी आगे बढ़ते हुए दिखती है और पाठक यह भी जान पाते हैं कि तीसरे भाग में आने वाले फकीर बाबा ने नटवर को जो हीरा दिया था वह किस काम आता है?
वहीं विराट कॉमिक के अंत में इस षड्यंत्र से पर्दा उठाने की खातिर गुरु प्रचण्डदेव के ठिकाने काली पहाड़ी की तरफ बढ़ जाता है जहाँ और भी कई मायावी मुसीबतें उसका इन्तजार कर रही हैं। इस भाग के अंत में वह एक ऐसी ही मायावी ताकत से दो चार करते दिखता है।
चूँकि इस कॉमिक में केवल षड्यंत्र को अंजाम दिया गया है तो अभी विराट की मुसीबत बढ़ती हुई ही दिखलाई दे रही हैं। वह इनसे कैसे निकलेगा और निकलने के लिए किन किन परेशानियों से जूझेगा यह तो अगले भाग में ही पता चलेगा।
उम्मीद है वह भाग और ज्यादा रोचक होगा। मुझे उसके प्रचण्ड देव से होने वाले टकराव का इन्तजार रहेगा। वहीं इस भाग के बाद यह भी देखना बनता है कि दुर्जन सिंह और यशोधरा का क्या होता है? और दुर्जन और यशोधरा के रिश्ते में आने वाले बदलावों से दुर्जन और विराट के बीच के समीकरणों में क्या फर्क पड़ता है?
अंत में मैं तो यही कहूँगा कि यह भाग मुझे पसंद आया और इसने मेरा भरपूर मनोरंजन किया है। वैसे तो लम्बे सीरीज वाले कॉमिक बुक्स में आगे की कड़ियों में मनोरंजन का वही स्तर बरकरार रख पाना मुश्किल होता है लेकिन विराट इस मामले में अलग लग रही है। हर भाग अब तक तो भरपूर मनोरंजन कर रहा है।
अब मुझे अगले कॉमिक बुक को पढ़ने का इन्तजार है।
रेटिंग: 4/5
क्या आपने इस कॉमिक बुक को पढ़ा है? अगर हाँ तो आपको यह कैसी लगी? अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।
विराट श्रृंखला के अन्यु उपन्यासों के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
विराट
© विकास नैनवाल ‘अंजान’