फ्रेंडी 3

कॉमिक्स मार्च 2020 में पढ़ा गया

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक
पृष्ठ संख्या: 30
प्रकाशक: राज कॉमिक्स
लेखक: हनीफ अजहर , सम्पादन : संजय गुप्ता
पेंसिल: नरेश कुमार, इंकिंग:  जसवंत सिंह नार

फ्रेंडी 3
फ्रेंडी 3

कहानी:
विशु के घर में लगी आग को बुझाने के लिए पहुँचने दमकल कर्मियों को उधर एक बच्चे की चीख सुनाई देती हैं। इसी समय वहाँ मौजूद रिपोर्टर शिल्पा शेट्टी को कुछ ऐसा पता चलता है जिससे उसे लगने लगता है कि वह एक बड़ी खबर के नजदीक खड़ी है।

जासूस विकास शर्मा विशु को बचाने में कामयाब रहते हैं और फिलहाल विशु उनके घर पर ही रह रहा है। विशु की माँ अस्पताल में भर्ती है। विशु को लगता है कि अब खतरा टल चुका है। फ्रेंडी से उन्हें छुटकारा मिल चुका है।

विशु के घर में दमकल कर्मियों को किस बच्चे की चीख सुनाई दी थी?
क्या पत्रकार शिल्पा शेट्टी को वाकई में कोई बड़ी खबर मिलने वाली थी?
क्या सचमुच जासूस विकास शर्मा और विशु अब सुरक्षित थे?

इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर आपको फ्रेंडी श्रृंखला के इस तीसरे भाग में मिलेगा।


मेरे विचार:
फ्रेंडी 3 फ्रेंडी श्रृंखला का तीसरा भाग है। इस भाग की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पर फ्रेंडी 2 की कहानी समाप्त हुई थी। चूँकि कहानी फ्रेंडी के ऊपर है तो आपको इस बात का अंदाजा तो हो ही गया होगा कि जिस फ्रेंडी को विकास और विशु मरा हुआ समझ रहे थे वो अभी जिंदा है और अभी भी विशु के शरीर पर कब्जा करना चाहता है।

कहानी तेजी से आगे बढ़ती  है और हम देखते हैं कि किस तरह फ्रेंडी अपने मकसद में कामयाब होने के लिए चालें चलता है। कॉमिक में कई नये किरदार भी लाये गये हैं। पत्रकार शिल्पा शेट्टी, नागराज नोवेल्टी का मैनेजर संजय शर्मा,प्रोडक्शन इंचार्ज शशि भूषण ऐसे किरदार हैं जो आते तो कुछ देर के लिए हैं लेकिन कहानी को आगे बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं। कॉमिक में इस बार पाठकों को विकास शर्मा का परिवार भी देखने को मिलता है। विशु और इनके बीच का समीकरण कहानी में एक तरह का तनाव पैदा करता है जो कि कहानी को रोचकता देता  है ।

कहानी में फ्रेंडी अपने खूंखार रूप में मौजूद है और कहानी का अंत इस तरह होता है कि आप आगे के भाग पढ़ने के लिए लालायित रहेंगे।

कॉमिक का घटनाक्रम वैसे तो तेजी से घटित होता है और कहानी तेज रफ्तार से आगेआगे बढ़ती है लेकिन कहानी में कई कमजोरियाँ भी हैं। कहानी में शशीभूषण के साथ कुछ होता है लेकिन इस दुर्घटना को लेकर संजय शर्मा की जो प्रतिक्रिया रहती है वह ऐसी रहती है कि जिसे तर्क की कसौटी पर नहीं रखा सकता है।

विकास शर्मा के परिवार का अचानक से कहानी में आना भी अटपटा लगता है। यह भी अटपटा लगता है कि फ्लाइट की सुविधा होते हुए भी यह परिवार पिंकी की मौत के समय मौजूद नहीं था। इससे प्रतीत होता है कि कहानी को विस्तार देने के लिए ही बाद में परिवार को लाया गया रहा होगा। वहीं एक और बात अटपटी लगती है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी विशु के पिता नदारद हैं। कहानी ऐसे वक्त में चलती है जहाँ फोन की सुविधा है, फ्लाइट मौजूद हैं ऐसे में इतना सब कुछ होने के बाद भी विशु के पिता का गायब रहना कुछ पल्ले नहीं पड़ता है।

यही सब चीजें कहानी को कमजोर बनाती हैं।

  1. अंत में यही कहूँगा कि फ्रेंडी का तीसरा भाग तेज रफ्तार और रोमांचक तो हैं  लेकिन यह कई पहलुओं में कमजोर भी है। कहीं कहीं पर कहानी ऐसी लगती है जैसे जबरदस्ती खींची गयी हो लेकिन कहानी का अंत ऐसा है कि आप आगे का भाग जरूर पढ़ना चाहेंगे।

रेटिंग: 2/5

अगर आपने यह कॉमिक पढ़ा है तो आपको यह कैसा लगा? अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।

फ्रेंडी श्रृंखला की दूसरी कॉमिक्स के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
फ्रेंडी
राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित दूसरे कॉमिक बुक के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
राज कॉमिक्स

© विकास नैनवाल ‘अंजान’


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *