संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 56 | प्रकाशक: राज कॉमिक्स | शृंखला : एंथोनी
टीम
लेखक: तरुण कुमार वाही | चित्रांकन: तौफीक | कलर: सुनील पांडेय | सम्पादक: मनीष गुप्ता
कहानी
रूपनगर, एक छोटा सा शहर, जिसकी रक्षा का जिम्मा जिंदा मुर्दा ने लिया था। अपराधी उसके नाम से काँपते थे और शहर में शांति का माहौल रहता था। ये शहर अपने में खोया शहर था जिसके विषय में कोई व्यक्ति इतना अधिक नहीं जानता था।
पर आजकल वही शहर दुनिया की नजरों के सामने था। यहाँ के लोग सबको हैरत में डालते हुए एक के बाद एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे थे।
ये सभी लोग अलग-अलग परिवेशों से आते थे और अचानक इन शक्तियों के स्वामी बने थे।
इन सबके बीच जो चीज समान थी वो थी कर्कश। उसी ने इन्हें ये सब दिया था।
आखिर कौन था ये कर्कश?
क्यों कर रहा था वो ऐसा?
और कैसे वो इन आम इंसानों को असाधारण इन्सानों में तब्दील कर पा रहा था?
और सबसे महत्वपूर्ण सवाल क्यों एंथोनी इससे टकराया?
टिप्पणी
एंथोनी शृंखला की कॉमिक बुक्स मुझे शुरू से ही पसंद रही हैं क्योंकि इसमें हमेशा एक हॉरर एलिमेंट होता है। और हो भी क्यों न जब शृंखला का नायक ही एक जिंदा मुर्दा है। इस कहानी की शुरुआत भी रोचक तरीके से होती है। कर्कश नाम का रहस्यमयी व्यक्ति लोगों को बेख़ौफ़ मरने की ऑफर देता है और बदले में उन्हें असीम शक्तियों का स्वामी बनाने का वादा करता है। कॉमिक्स पढ़ते हुए पाठक के मन में कर्कश की कहानी जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होती जाती है। फिर पाठक ये भी सोचने लगता है कि आखिर कर्कश ऐसा क्यों कर रहा है? और ये सवा लाख का क्या चक्कर है? अपनी सेवाओं के लिए वह सवा लाख ही क्यों ले रहा था?
इन सब सवालों के जवाब कॉमिक्स पढ़ते हुए मिलते हैं पर वह उतना प्रभावित नहीं कर पाते हैं। कॉमिक्स की अच्छे ढंग से शुरुआत होती है लेकिन जब इन घटनाओं के होने के पीछे का कारण पता लगता है तो मन में यही खयाल आता है कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया। कॉमिक बुक पढ़ते पढ़ते समय ये भी लग रहा था जैसे कथानक को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश की गयी है। इसलिए जिस कॉमिक्स की शुरुआत इतनी अच्छी हुई वो आगे चलकर औसत ही रह गयी। कथानक के ऊपर काम करने की आवश्यकता थी। चीजों को थोड़ा और विस्तार देना चाहिए था।
हाँ, इधर ये कहना जरूरी होगा कि कर्कश नाम का खलनायक मुझे पसंद आया। वो एक तगड़ा खलनायक है जो एंथोनी तक को कुछ देर के लिए नाको चने चबवा देता है। उसके और एंथोनी के बीच की लड़ाई पढ़ने में काफी मज़ा आया। मेरे लिए वो रोमांचक था।
कर्कश जब अपनी कहानी सुनाता रहता है तो उस दौरान वो एक आम इंसान रहता है। फिर अचानक उसने ये अजीब सा रूप, जिसमे नाक और कानों में बालियाँ पहनी रहती है, कैसे धरा? मेरी ये जानने की इच्छा थी जो कि कॉमिक्स में नहीं बतलाया गया। ताकत मिलने और बालियाँ पहनने के पीछे क्या सम्बन्ध था?
हाँ, और बालियाँ विशेषकर नाक वाली तो कई पैनल में आती हैं और कई में फिर से गायब हो जाती हैं। मेरे ख्याल से बेफालतू ही इसे जोड़ा गया था। खैर, ये कोई इतनी बड़ी बात नहीं है।


अंत में तो केवल इतना ही कहूँगा कि कॉमिक्स औसत है और एक बार पढ़ा जा सकता है। कर्कश अच्छा खलनायक है और अगर आप एंथोनी के फेन हैं तो इस खलनायक से उसको टकराते हुए देखना आपको जरूर रोमांच से भर देगा।
अच्छी समीक्षा ।
राज काॅमिक्स का एक जबरदस्त पात्र है एंथोनी।
शुक्रिया।