बाल साहित्य में जाने-पहचाने कहानीकार मनोहर चमोली ‘मनु’ पेशे से अध्यापक हैं। वे पत्रकारिता के साथ विधि स्नातक हैं। वह रेडियों एवं प्रिंट मीडिया से जुड़े रहे हैं। उन्होंने दस साल पत्रकारिता की है।
मनोहर चमोली ‘मनु’ मुख्यतः बाल साहित्य के क्षेत्र में लेखन करते हैं। शिक्षा के सरोकारों के लिए प्रतिबद्ध और बाल साहित्य में मुखर आलोचना के लिए जाने जाते हैं। कहानियों के अलावा कविता, व्यंग्य, संस्मरण और लेख भी लिखते हैं। उनकी रचनाओं का बीस से अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में उनकी रचनाएँ सम्मिलित हैं। पूर्व में ‘ज्ञान विज्ञान बुलेटिन’ और ‘गंग ज्योति’ पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है। नेशनल बुक ट्रस्ट, रूम टू रीड, प्रथम से उनकी कई कहानियाँ प्रकाशित हुई हैं। प्रसिद्ध पत्रिकाओं में निरंतर बाल कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल में रहते हैं।
‘जीवन में बचपन’, ‘अंतिरक्ष से आगे बचपन’, ‘कहानियाँ बाल मन की’, ‘कथा किलकारी’ नामक कहानियों के संग्रह चर्चित रहे हैं।
ई-मेल: chamoli123456789@gmail.com