शैलेन्द्र तिवारी |
मकड़ा शृंखला शैलेन्द्र तिवारी की सबसे प्रसिद्ध शृंखला है। एक तांत्रिक को लेकर लिखी गई इस शृंखला के केंद्र में मकड़ा है जो कि एक खतरनाक तांत्रिक है। मकड़ा अपनी साधना के बल पर काफी शक्तियां प्राप्त कर चुका है और खुद को भगवान ही मानने लगता है। पर उसका एक ऐसा काम है जिसे करने के लिए उसे एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो कि निष्पाप हो। उसकी यह तलाश राजा पंडित पर ही खत्म होती है।
मकड़ा किस तरह राजा पंडित को अपना काम करने के लिए मजबूर करता है और किस तरह राजा पंडित उसके चंगुल से बचता है यही शृंखला के कथानक बनते हैं। इस दौरान अलग अलग अपराधियों और अलग अलग रोमांचक घटनाक्रमों से राजा पंडित दो चार होता है।
मकड़ा शृंखला में सत्रह उपन्यास मौजूद हैं। मूलतः धीरज पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित किये गए ये उपन्यास फिलहाल आउट ऑफ प्रिन्ट हैं।
- मकड़ा
- खूनी मकड़ा
- कहर बरसायेगा मकड़ा
- जहरीला मकड़ा
- जलजला मकड़ा का
- मकड़ा का कोहराम
- मकड़ा का मकड़जाल
- फिर आया मकड़ा
- करामाती मकड़ा
- चक्रव्यूह मकड़ा का
- चैलेंज मकड़ा का
- चंडालिनी बेला
- चंडालिनी बेला का जाल
- चंडालिनी बेला और मकड़ा
- कहर चंडालिनी बेला का
- पाताल का शहंशाह
- पाताल के शहंशाह की टक्कर
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