डार्लिंग भटनागर रॉ की सबसे बेहतरीन एजेंट है। अपने मिशनों के चलते वो देश के दुश्मनों से लोहा लेती रहती है।डार्लिंग एक खूबसूरत युवती है जो कि अपने मिशन की कामयाबी के लिए हनी ट्रैप का अक्सर इस्तेमाल करती है। एक उपन्यास सबसे बड़ी जासूस में वह कहती है:
मेरा नाम सुनते ही दुश्मनों के छक्के छूट जाते हैं- कभी कभी मैं उन्हीं दुश्मनों के लिए शराब का छलकता जाम बन जाती हूँ,जिसे अपने होंठों से लगाने के लिए दुश्मन पूरी तह बेताब हो जाते हैं।
उनके बिस्तर तक पहुँचकर मैं उनकी ही मौत बन जाती हूँ।
डार्लिंग श्रृंखला के उपन्यासों को डार्लिंग नाम से ही छद्दम लेखकों द्वारा लिखा जाता है।
इस श्रृंखला में निम्न उपन्यास है:
- मेरी बहन के हत्यारे
- खूबसूरत नागिन
- आफत की पुड़िया
- सावन की फुहार
- काली मिर्च
- घायल हिरनी
- जादूगरी
- एटम बम
- खट्टी-मीठी
- हीरे की कनी
- कत्ल की दावत
- चालाक लोमड़ी
- अंगूर की बेटी
- जंगली बिल्ली
- शहद की परी
- तीन फूट का बौना
- बिजली
- हुस्न की चाशनी
- लाल परी
- खूनी मकड़ी
- चंचल चिड़िया
- गुलाब जामुन
- दुधारी तलवार
- हरी भरी
- फिरकनी
- जाफरान की बूटी
- मिसरी की डली
- कश्मीरी जेब
- कली कचनार की
- कस्तूरी
- अक्ल की कच्ची
- गुलबदन
- भांग की गोली
- विषकन्या
- मस्त शेरनी
- चहकती मैना
- स्टीम बाथ
- मनचली
- कच्ची इमली
- रंग महल
- अनारदाना
- एड्म बम
- अँगीठी
- अंगूरी
- एक लड़की मीठी सी
- गुड्डी
- परी
- दिलजली
- चुस्की
- अनोखी
- चासनी
- मौत की माला
- चस्का
- रसीली
- कॉलेज गर्ल
- आँखों वाली अंधी
- नथ उतराई
- नजराना
- गुड़िया
- जालिमा
- गुडगर्ल
- दिलरुबा
- सबसे बड़ी जासूस
- मौत के घंटी
© विकास नैनवाल ‘अंजान’