दैनिक जागरण द्वारा वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों की सूची जारी की जा चुकी है। कथा, कथेतर, अनुवाद और कविता श्रेणी में यह सूची जारी की गयी है। अनुवाद श्रेणी में जिन पुस्तकों ने जगह बनाई है वह निम्न हैं:
महागाथा: पुराणों से 100 कहानियाँ – सत्यार्थ नायक | अनुवाद : आशुतोष गर्ग

पुस्तक विवरण:
प्रकाशक: हार्पर कॉलिंस पब्लिशर्स | पुस्तक लिंक: अमेज़न
द हिडन हिंदू 1 – अक्षत गुप्ता | अनुवाद: अक्षत गुप्ता

पुस्तक विवरण:
इक्कीस साल का पृथ्वी एक अधेड़ और रहस्यमयी अघोरी ओम् शास्त्री की तलाश कर रहा है, जिसे पकड़कर भारत के एक सुनसान द्वीप पर अत्याधुनिक सुविधाओं के बीच भेज दिया गया। विशेषज्ञों की एक टीम ने जब उस अघोरी को नशे की दवा दी और पूछताछ के लिए सम्मोहित किया, तो उसने दावा किया कि वह सभी चार युगों-सतयुग, त्रेता, द्वापर व कलियुग–(हिंदू धर्म के अनुसार चार युग) को देख चुका है और रामायण तथा महाभारत की घटनाओं में हिस्सा ले चुका है।
जीवन के बाद मृत्यु के नियम को भी बेअसर साबित करनेवाले ओम् के अविश्वसनीय अतीत से जुड़े खुलासे सभी को हैरान कर देते हैं। उस टीम को यह भी पता चला कि ओम् हर युग के दूसरे अमर लोगों की भी तलाश कर रहा है। ऐसे विचित्र रहस्य अगर सामने आ गए तो प्राचीन धारणाएँ हिल जाएँगी और भविष्य की दिशा ही बदल जाएगी। तो यह ओम् शास्त्री कौन है? उसे पकड़ा क्यों गया? पृथ्वी उसे क्यों ढूँढ़ रहा है?
सवार हो जाइए ओम् शास्त्री के रहस्यों, पृथ्वी की तलाश और हिंदू पौराणिक कथाओं के रहस्यों से भरे अन्य अमर लोगों के कारनामों की इस नाव पर, और चलिए एक रोचक और रोमांचक यात्रा पर।
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन | पुस्तक लिंक: अमेज़न
द नागा वॉरियर्स – अक्षत गुप्ता | अनुवाद: अक्षत गुप्ता

पुस्तक विवरण:
भविष्य की तैयारी के लिए हमारे पूर्वजों ने नागा साधुओं के समूह का निर्माण किया—जो धर्म की रक्षा के लिए कटिबद्ध योद्धा थे जैसा कि आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने घोषणा की थी। शिव भक्तों का यह पंथ नि:स्वार्थ और निर्भीक भाव से लड़ता रहा और धर्म रक्षा के लिए डटा रहा। सदियों से वे धर्म और मंदिरों की रक्षा के लिए वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देते रहे। सन् 1757 में 111 नागा साधुओं ने अपने देवताओं की मूर्तियों से दिव्यास्त्र प्राप्त किए। महादेव में अपनी अटूट आस्था की वजह से उन्होंने गोकुल के मंदिरों की रक्षा के लिए अदम्य साहस अर्जित किया। एक निडर नागा योद्धा अजा के नेतृत्व में वे 4000 अफगानी सिपाहियों, 200 घुड़सवारों, 100 ऊँट सवारों और 20 तोपों के समक्ष अभेद्य दीवार की तरह खड़े हो गए। उस बर्बर अफगान सेना का नेतृत्व सरदार खान कर रहा था जो मंदिरों को ध्वस्त करने और भारत में नरसंहारों को अंजाम देने वाले अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली का सबसे निर्दयी सिपहसालार था। वह युद्ध अभी भी जारी है। यह नागा योद्धाओं के साहस और ज़िद का वादा है। यह उन शिव भक्तों का संघर्ष है जो मनुष्य रूप में शैतानों के विरुद्ध हो रहा है। यही गोकुल की लड़ाई है।
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन | पुस्तक लिंक: अमेज़न
कितने गाजी आए कितने गाजी गए – के जे एस ‘टाईनी’ ढिल्लों | अनुवाद: नितिन माथुर – आनंद राय

पुस्तक विवरण:
लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ‘टाईनी’ ढिल्लों राजपूताना राइफल्स के दिग्गज रहे हैं, जो लगभग चार दशकों की सैन्य सेवा में अनेक बार कश्मीर में पदस्थ रहे।
इस पुस्तक में ‘ टाईनी ‘ ढिल्लों उस बंद खिड़की को खोलते हैं, जो न केवल उनके जीवन में बल्कि कश्मीर में भी खुलती है। महज तीन साल की उम्र लेकर कश्मीर में अपने अनेक सेवा-वर्षों के दौरान उन्होंने जिन सबसे कठिन चुनौतियों का सामना किया, उनकी रोचक कहानियाँ हैं, जहाँ उन पर एक तरफ आतंकवाद-विरोधी अभियानों तो दूसरी तरफ सेना की उदारवादी शक्ति के बीच संतुलन बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। एक युवा से लेकर चिनार के कोर कमांडर बनने तक की पूरी यात्रा को उन्होंने कलमबंद किया है, जिसमें कश्मीर इस कहानी का अभिन्न अंग है।
प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित इस पुस्तक में कश्मीरी पंडितों के पलायन; पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए बर्बर हमले, जिसमें सीआरपीएफ के चालीस जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे; बालाकोट हवाई हमला और अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उसके प्रभावों समेत अनेक दूसरी घटनाओं के मिथकों, अर्ध-सत्यों, क्या और क्यों की चर्चा की गई है और उनके रहस्यों को सुलझाया गया है। यह पुस्तक जम्मू-कश्मीर के इतिहास में होनेवाली विभिन्न षड्यंत्रकारी घटनाओं की बारीकियों को बताती है।
छोटी-छोटी कहानियों से भरी, बेबाक और विचारोत्तेजक, ‘ कितने गाजी आए, कितने गाजी गए’ पुस्तक सेना के इस दिग्गज के अपने जीवन की सच्ची कहानियों को सामने लाती है। यह सेना के एक सैनिक के निजी, पेशेवर और पारिवारिक जीवन पर केंद्रित है, जो उन चुनौतियों और संघर्षों की जानकारी देती है, जिनका सामना सैनिक और उनके परिजन करते हैं । बेहद रोचक यह पुस्तक सुधी पाठकों, विशेष रूप से सेना में जाने के इच्छुक युवाओं को भी प्रेरित करेगी ।
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन | पुस्तक लिंक:अमेज़न
द हिडन हिंदू 3 – अक्षत गुप्ता | अनुवाद: अक्षत गुप्ता

पुस्तक विवरण:
देवध्वज कौन है–नागेंद्र या ओम ? परिमल और एल.एस.डी. एक-दूसरेपर भरोसा नहीं कर पाते हैं; जबकि नागेंद्र मृत्यु हो जाने के बाद भी पुनर्जीवित होजाता है–पूर्ण स्वस्थ और पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली रूप में । परशुरामऔर कृपाचार्य धराशायी हो चुके ओम् के अतीत में उलझ गए हैं; जबकि वृषकपिनिश्चित मृत्यु से लड़ रहा है, जो मिलारेपा को पहले ही निगल चुकी है।
शक्तिशाली अश्वत्थामा समझ नहीं पाते कि अन्य चिरंजीवी सभी मोर्चों परकैसे नष्ट हो गए । शेष शब्द कहीं छपे हैं ? क्या नागेंद्र उन सभी को ढूँढ़कर श्लोकपूरी कर पाएगा, या जो चिरंजीवी हैं, वे उसे रोक लेंगे ? निश्चित विनाश की ओरबढ़ते चिरंजीवी लोगों के अप्रत्याशित रहस्य को जानें, जिनका समय समाप्त होता जा रहा है।
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन | पुस्तक लिंक: अमेज़न
इंडिया अर्थात भारत – जे साईं दीपक | अनुवाद: पंकज सक्सेना

पुस्तक विवरण:
प्रकाशक: ब्लूम्सबरी पब्लिशिंग | पुस्तक लिंक: अमेज़न
द हिडन हिंदू 2 – अक्षत गुप्ता | अनुवाद अक्षत गुप्ता

पुस्तक विवरण:
अब भी अतीत की बातों के उत्तर ढूँढ़ते ओम् का साक्षात्कार अज्ञात से होता है। मृत संजीवनी पुस्तक दुष्टों के हाथ लग जाने के बाद क्या धर्मपरायण लोग विजयी हो पाएँगे?
मृत संजीवनी में कौन से रहस्य हैं, जो गलत हाथों में पडऩे पर अराजकता और विनाश ला सकते हैं?
ओम् कौन है? एल.एस.डी. और परिमल की वास्तविकता क्या है? अन्य अमर लोग कहाँ छिपे हैं? क्या हैं ये शब्द, जो अजीबोगरीब गूढ़ जगहों में बिखरे पड़े हैं और नागेंद्र इन्हें क्यों इकट्ठा कर रहा है?
‘द हिडन हिंदू-2’ के साथ एक रोमांचक यात्रा पर उन स्थानों तक चलिए, जहाँ आप पहले कभी नहीं गए हैं, जबकि अविभाज्य त्रिमूर्ति उन शब्दों को ढूँढ़ती है, जिनका नश्वर, देवताओं और राक्षसों के लिए अमरता से भी बड़ा एक उद्देश्य है।
प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन | पुस्तक लिंक: अमेज़न
एक दिन जिंदगी बदल जाएगी – सरण्या उमाकंथन | अनुवाद: प्रिया लटवाल

पुस्तक विवरण:
प्रकाशक: प्रकाश बुक्स इंडिया | पुस्तक लिंक: अमेज़न
लक्ष्य यूपीएससी: युवा आइएएस अधिकारियों की प्रेरक। कहानियाँ – सज्जन यादव | अनुवाद: सुधीर दीक्षित

पुस्तक विवरण:
यह पुस्तक उन युवा आईएएस अधिकारियों की प्रेरक कहानियों का संग्रह है, जिन्होंने सभी बाधाओं के बावजूद दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली UPSC परीक्षा को पास करने में कामयाबी हासिल की। यह पुस्तक पाठकों को UPSC परीक्षा में सफल होने में सक्षम बनाने के लिए आजमाए हुए ट्रिक्स, महत्त्वपूर्ण टिप्स और रणनीतियों के बारे में सूचनाएँ प्रदान करती है।
प्रकाशक: मंजुल पब्लिकेशन हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
महाभारत का अनावरण – अमी गणात्रा | अनुवाद: अमी गणात्रा

पुस्तक विवरण:
प्रकाशक: ब्लूम्सबरी पब्लिशिंग | पुस्तक लिंक: अमेज़न
विस्तृत सूची में जो अन्य पुस्तकों आयी हैं वह निम्न हैं:
- बनाएँ एक शानदार करियर – अंकुर वारिकु | अनुवाद: अंकुर वारिकु | प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- ज़िन्दगी का सफर: जावेद अख्तर…- जावेद अख्तर, नसरीन मुन्नी के…| अनुवाद: आमिर मलिक | प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- विश्वबंधु भारत – एस जयशंकर | अनुवाद: सुजाता शिवैन | प्रकाशक: रूपा पब्लिकेशंस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- शौर्य गाथाएँ – विक्रम संपत | अनुवाद: संदीप जोशी | प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- इंडियाज मोस्ट फियरलेस 3 – शिव अरूर, राहुल सिंह | अनुवाद: संदीप जोशी | प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- जाति जिंदा है – येंगदे मिलिंद | अनुवाद: संजय जोठे | प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- सच कहूँ तो: मेरी आत्मकथा – नीना गुप्ता | अनुवाद: नीना गुप्ता | प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- साधारण फिर भी असाधारण – सुधा मूर्ति | अनुवाद: यामिनी रामापल्लविर | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- उर्मिला: सीता की बहन की गाथा – कविता काने | अनुवाद: अजय तिवारी | प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- आखिरी महारानी – चित्रा बनर्जी दिवाकरुणी | अनुवाद: नीलम भट्ट | प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस | पुस्तक लिंक: अमेज़न
तो आपने इनमें से कितनी पुस्तकें पढ़ी हैं?