- कॉमरेड
- ऐसे जिये हम तुम
- कोई नाम नहीं
- और वो मर गए
- यूँ गिरता है कोई
- आधा-अधूरा
- आधी भूली, आधी बाद
- खाली
- कसक
- उत्सवरत गली
- हम मरने वाले हैं
‘ये कहानियाँ हमारे आस पास की ही हैं एवं आस पास की वैचारिक स्तर पर पड़ताल भी करती हैं । इन कहानियों में सिर्फ आस पास है ऐसा भी नहीं कहा जा सकता, परिस्थितियाँ ही इन कहानियों की नायक / खलनायक /नायिका /खलनायिका हैं । इन कहानियों में रुदन है तो जश्न भी है। ‘
उनकी कहानियाँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। उनका पहला कहानी संग्रह ‘द जिंदगी’ था जिसे 2018 में सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा ‘सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान 2018’ दिया गया।
कॉमरेड उनका दूसरा कहानी संग्रह है जो कि यश प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है।
लेखक से आप निम्न माध्यमों के द्वारा सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं:
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नोट: किताब परिचय ‘एक बुक जर्नल’ का नया सेक्शन है जिसमें हम लोग नव-प्रकाशित किताबों से अपने पाठकों का परिचय करवाते हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि हम आपकी किताब को इस सेक्शन में फीचर करें तो आप हमसे निम्न ईमेल के माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं:
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बहुत सुन्दर।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
आपको भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई ,सर……..पोस्ट आपको पसन्द आई यह जानकर अच्छा लगा….
बहुत अहम जानकारी मिली इसके लिए शुक्रिया।
जानकारी आपको पसंद रुचिकर लगी यह जानकर अच्छा लगा। आभार।