फेमस फाइव एक साथ भागते हैं – एनिड ब्लाइटन

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट:
पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 262 | प्रकाशन: मंजुल पब्लिशिंग हाउस | श्रृंखला: फेमस फाइव #3
अनुवादक: डॉक्टर सुधीर दीक्षित, रजनी दीक्षित

किताब लिंक:  पेपरबैक

 

किताब समीक्षा: फेमस फाइव एक साथ भागते हैं

पहला वाक्य:
‘जॉर्ज बेटा, क्या तुम आराम से एक जगह नहीं बैठ सकती हो,’ जॉर्ज की मम्मी बोली।

कहानी:
गर्मियों की छुट्टियों में जुलियन, डिक और एन किरिन कॉटेज आये तो उन्होंने सोचा हुआ था कि वह सभी जॉर्ज और टिम के साथ मिलकर खूब मस्ती करेंगे। लेकिन किरिन कॉटेज में परिस्थितियाँ ऐसी बन गयीं कि उन्हें भागकर किरिन टापू जाना पड़ा। 

बच्चों को लगा था कि किरिन टापू में उन्हें आराम मिलेगा लेकिन उधर तो एक और रहस्य उनका इन्तजार कर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे टापू में कुछ ऐसे लोग आते जाते  थे जिन्हें उधर नहीं होना चाहिए था। बच्चों को लगा था कि वह स्मगलर थे। 

पर क्या सच में ऐसा था? 
आखिर बच्चों को किरिन कॉटेज से भागकर किरिन टापू क्यों जाना पड़ा?
टापू में उन्होने ऐसा क्या देखा जिससे उन्हें लगा कि टापू में स्मगलरों का आना जाना था?
बच्चों ने इन लोगों के खिलाफ क्या कदम उठाये?


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मुख्य किरदार:
जुलियन, एन, डिक, जॉर्ज, टिम – फेमस फाइव 
फैनी – जॉर्ज की मम्मी 
क्वेंटिन – जॉर्ज के पिता 
जोआना – जॉर्ज के घर में कुक का काम करने वाली स्त्री 
मिसेज क्लारा स्टिक – जॉर्ज के घर में आई नई कुक जो कि जोअना के बदले आई थी 
एडगर – मिसेज स्टिक का लडका 
मिस्टर स्टिक – मिसेज स्टिक के पति 
टिंकर – एडगर का कुत्ता 
जेनिफर मैरी आर्मस्ट्रोंग  – एक अमीर बच्ची 
मेरे विचार:
फेमस फाइव एक साथ भागते हैं फेमस फाइव श्रृंखला का तीसरा बाल उपन्यास है। उपन्यास का अनुवाद डॉक्टर सुधीर दीक्षित और रजनी दीक्षित द्वारा किया गया है। एक दो जगहों को छोड़ दें तो अनुवाद अच्छा हुआ है। अंग्रेजी के मुहावरे कई जगह जस के तस अनूदित किये हैं जो कि कई बार खटकते हैं। 

फेमस फाइव एक साथ भागते हैं के कथानक को आसानी से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। पहला भाग किरिन कॉटेज में घटित होता है और दूसरा भाग किरिन टापू पर घटित होता है। 
पहले भाग में वह सब कुछ होता है जो उन्हें किरिन कॉटेज छोड़ने पर मजबूर करता है। यहाँ तीखी नोक झोंक है जो कि बच्चों और खलनायकों के बीच में होती है। जूलियन इस भाग में छा जाता है। वह चारों भाई बहन में बड़ा है और यह बात इधर दिखाई देती है। वह उनका ख्याल रखता है और उनके लिए बहस करने से भी नहीं झिझकता है। 
उपन्यास का दूसरा भाग किरिन टापू में घटित होता है। बच्चे जब टापू पहुँचते हैं तो उन्हें इधर यह अहसास होता है कि यहाँ कोई उनकी गैरमोजूदगी में आता रहा है। ये लोग कौन है और क्यों इधर आ रहे हैं इसी बात का पता बच्चे लगाने की सोचते हैं। इस दौरान उन्हें टापू में ऐसी जगहें भी पता चलती हैं जिनसे वे अब तक अनजान थे। 
अगर मैं अपनी बात करूँ तो मुझे उपन्यास का यह दूसरा भाग उपन्यास के पहले भाग से ज्यादा पसंद आया। इस भाग में रहस्य और रोमांच दोनों ही हैं। गर्मियों की छुट्टियाँ अगर इस तरह बिताने को मिल जाये तो बच्चों की टोली और इससे बेहतर और क्या चाहिए रहेगा। 
इस उपन्यास की कमी की बात करूँ तो वह मुझे मुख्य तौर पर दो लगी। 
उपन्यास का नाम ‘फेमस फाइव एक साथ भागते हैं’ है। उपन्यास पढ़ने से पहले मुझे लगा था कि इसमें फमेस फाइव शुरुआत में ही भाग जायेंगे और फिर बाकी का उपन्यास यह बतायेगा कि उनके भागने के बाद उनके साथ क्या क्या घटित हुआ। वहीं मुझे यह भी लगा था कि वह एक अनजान जगह की तरफ भागेंगे। लेकिन इधर ऐसा नहीं होता है। बच्चों को भागने में आधे के करीब उपन्यास लग जाता है। यह आधा उपन्यास पठनीय तो है लेकिन इसमें रोमांच नहीं है। इसके बाद बच्चे भागकर भी किरिन टापू में जाते हैं। यह जगह उनकी जानी पहचानी है इसलिए इधर खतरा भी उतना नहीं है। यहाँ रोमांच मौजूद है लेकिन उतनी मात्रा में नहीं है जितना कि उम्मीद थी। यह इसलिए भी है क्योंकि उपन्यास के जो खलनायक है वह पिछले उपन्यासों के खलनायक जितने खतरनाक नहीं है। वह खतरनाक कम बेवकूफ ज्यादा लगते हैं। बच्चे उन्हें आसानी से छका देते हैं और उन पर आसानी से काबू पा लेते हैं। अगर खलनायक खतरनाक होते तो उपन्यास में रोमांच काफी  बढ़ सकता था। 
अंत में यही कहूँगा कि यह एक पठनीय उपन्यास है जिसे एक बार पढ़ा जा सकता है। उपन्यास में रहस्य और रोमांच मौजूद हैं। बस खलनायक थोड़े और बेहतर होते तो उपन्यास पढ़ने का आनंद दो गुना हो जाता। 

किताब लिंक:  पेपरबैक 

©विकास नैनवाल ‘अंजान’




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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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20 Comments on “फेमस फाइव एक साथ भागते हैं – एनिड ब्लाइटन”

  1. सकारात्मक और नकारात्मक दोंनों पहलुओं पर प्रकाश डालती लाजवाब समीक्षा।

  2. सुंदर, सार्थक रचना !……..
    ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    1. जी आभार ब्लॉग पर आने की कोशिश रहेगी..।

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