राजभारती जी |
अगर लेखन की बात की जाए तो राजभारती जी ने काफी कुछ लिखा है। उन्होंने हॉरर उपन्यास तो लिखे ही हैं लेकिन इसके अलावा कई किरदारों को लेकर श्रृंखलाएं भी लिखी हैं।
अग्निपुत्र भी राजभारती जी का ऐसा ही किरदार है जिसे लेकर उन्होंने काफी उपन्यास लिखें हैं। यह उपन्यास अक्सर फंतासी का तत्व लिए होते थे।
अग्निपुर एक अमर व्यक्ति है जो कि चिरकाल से इस धरती पर विचर है। अग्निपुत्र अमर तो है ही लेकिन उसके अंदर कई तरह की दूसरी ताकतें भी हैं। उसका बदन सुनहरा है। वह अति शक्तिशाली है और आग से उसे ताकत मिलती है। अग्नि से स्पर्श पाकर उसका बदन और ज्यादा चमकने लगता है।
अग्निपुत्र को पता नहीं है कि वह धरती पर कैसे आया और क्यों आया लेकिन अब वह धरती में घूम रहा है। युगों युगों के अपने इस सफर में वह अनेक कालखंडों और अनेक सभ्यताओं से होकर गुजरा है। अब आज का वक्त आ चुका है और अग्निपुत्र हिमालय की किसी गुफा में अपना समय अकेले में काट रहा है।
इसी दौरान जब एक दिन जब प्रोफेसर दयाल और उनकी बेटियों बाला और कविता को ले जाने वाला एक जहाज दुर्घटनाग्रस्त होकर एक निर्जन स्थान पर गिर जाता है तो उन्हें वहाँ अग्निपुत्र दिखाई देता है। अग्निपुत्र उन्हें बचाता है और अपने साथ उन्हें गुफा में ले जाता है। वह उनकी देख रेख करता है। इस दौरान वह उन्हें अपने जीवन से जुड़े किस्से सुनाता रहता है। यही किस्से इन उपन्यासों का रूप लेते हैं।
यहाँ यह बताना जरूरी है कि लेखक राजभारती का यह किरदार काफी हद तक पाकिस्तानी उर्दू उपन्यासकार एम ए राहत के ‘सदियों का बेटा’ श्रृंखला के नायक से प्रेरित है।
धीरज पॉकेट बुक्स से अग्निपुत्र श्रृंखला के निम्न उपन्यास प्रकाशित हुए हैं:
- मायाजाल
- महामाया
- महादण्ड
- खुदा का बेटा
- महाबली
- महारथी
- महायोगी
- महामंत्र
- महाकाल
- महादाह
- महापाप
- महाविनाश
- महासंग्राम
- महाकाण्ड
- अग्निपुत्र
- रक्तपात
- रक्त-धारा
- मिस्त्री शहजादी
- रक्त-सिन्दूर
- रक्त-सागर
- शंग्रीला
- रक्त पिपासू
- रक्त-रेखा
- रक्त आहुती
- रक्त-कलश
- रक्त-सुरा
- रक्तांचल
- रक्तदेव
- रक्तभैरवी
- रक्तमंथन
- मृत्युराग
- मृत्युदंश
- मृत्युधाम
- मृत्युजाल
- मृत्युरथ
- मृत्युद्वार
- शाही रक्कासा
- मल्लिका का ताज
- शाही जल्लाद
- ताजपोशी
- जादूगरनी
- दोधारी तलवार
- रक्त-मन्दिर
- तौर ग्रह के हत्यारे
- तौर ग्रह के देवता
- मंगोल सुन्दरी
- तौर ग्रह के छापामार
- अभिसारिका
- सुर्ख सैलाब
- सरहदी भेड़िये
- शिकारी मल्लिका
- तौर के लुटेरे
- रेगिस्तानी कबीले की मल्लिका
- हुंकार
- आमरा
- आमरा का इंतकाम
- विनाश चक्र
- बिल्ला हरूमा
- शिन्गूर के दरिन्दे
- महाक्रोधी
- शाबा
- सफेद कबूतरी
- शंखनाद
- गोरिल्ला
- महायोद्धा
© विकास नैनवाल ‘अंजान’