झाँसी के साहित्य प्रेमियों को यह जानकर खुशी होगी कि बुन्देलखण्ड के साहित्य से सबसे बड़े कार्यक्रम बुन्देलखण्ड साहित्य महोसत्व 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर के बीच झाँसी के बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान पाठकों को विभिन्न प्रकाशकों के स्टॉल्स पर जाकर पुस्तकों को घर ले जाने का मौका तो मिल ही रहा है साथ ही वह साहित्य से जुड़े कई सत्रों का आनंद भी ले पा रहे हैं।
नरेश सक्सेना |
सत्र देहरी पर खड़ी स्त्री, वक्ता: सूरीबाला, चंद्रकला और निधि अग्रवाल, सत्र संचालन: विशाल पाण्डेय |
पुस्तकों के साथ छात्रा, स्रोत: सूरज पॉकेट बुक्स |
फ्लाईड्रीम्स प्रकाशन और सूरज पॉकेट बुक्स की पुस्तकें |
पाठकों के साथ लेखक मिथलेश गुप्ता |
बताते चलें 2020 से शुरू हुये बुन्देलखण्ड साहित्य महोत्सव का उद्देश्य साहित्य से पाठकों को जोड़ना तो है ही साथ में बुन्देलखण्ड के साहित्य, संस्कृति, कला को देश भर में पहुँचाना भी है। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में बुंदेली साहित्य, सिनेमा, कला और मीडिया पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम होंगे जिनका आनंद साहित्य में रुचि लेने रखने वाले लोग ले पाएँगे। इन तीन दिवसीय महोत्सव में लोक कला और परंपरा से संबंधित कार्यक्रम भी होंगे। हर शाम राई, आल्हा गायन जैसे कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही युवा कवियों और साहित्यकारों को मंच देने के लिए ओपन माइक का आयोजन भी इस फेस्टिवल में किया जाएगा। साथ ही एक मंच ग्रामीण शैली में भी तैयार किया जाएगा। इस फेस्टिवल में उन लोगों को भी आमंत्रित किया जायेगा जो बुंदेली भाषा में न्यूज़ पोर्टल या रेडियो चैनल चला रहे हैं.इस लिटरेचर फेस्टिवल का एकमात्र उद्देश्य बुंदेलखंड और उसके साहित्य को नई पहचान दिलाना है।
आप भी अगर झाँसी या उसके निकट हैं तो जाकर इस महोत्सव का आनन्द उठाया सकते हैं।