हंटर शार्क फोर्स | भरत नेगी | किंग कॉमिक्स

संस्करण विवरण

पृष्ठ संख्या: 32 | प्रकाशक: किंग कॉमिक्स | शृंखला: हंटर टास्क फोर्स 1

कहानी 

डॉ हरबंस खुराना कई वर्षों से कृषि अनुसंधान विभाग में कार्य कर रहे थे। उनका काम जनेटिक म्यूटैशन के क्षेत्र में था। 
पर उधर ऐसा कुछ हुआ कि उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा। 
उन्होंने सोचा था कि वह खुद का काम करेंगे। पर उनकी ज़िंदगी में एक ऐसा शख्स आया जिसके चलते उनके सब इरादे धरे के धरे गए। 
आखिर कौन था ये शख्स?
डॉक्टर हरबंस लाल के जीवन में ऐसा क्या हुआ?

मेरे विचार 

हंटर शार्क फोर्स एक ऐसी सीरीज रही है जिसकी तारीफ मैंने गाहे बगाहे कॉमिक बुक प्रशंसकों से सुनता आया हूँ। ऐसे में इसे पढ़ने का मन था तो जब किसी तरह यह सीरीज मिली और इसे लेना मैंने स्वीकार किया और अब इसे लेने के कुछ महीनों बाद इसका पहला भाग पढ़ा है। 
हंटर शार्क फोर्स इस शृंखला की पहली कॉमिक है। इस कॉमिक बुक में हमें पता लगता है कि हंटर शार्क फोर्स क्या है? इस फोर्स के सदस्य कौन कौन हैं और इस फोर्स का निर्माण कैसे हुआ?
कहानी की शुरुआत में एक वैज्ञानिक हरबंस लाल खुराना से पाठकों का परिचय करवाया जाता है। डॉक्टर खुराना एक सरकारी वैज्ञानिक हैं और उनके माध्यम से लेखक हमारे सरकारी तंत्र पर एक करारा प्रहार करते दिखते हैं। किस तरह से प्रतिभाशाली लोगों को दफ्तरी राजनीति के चलते अपने काम में परेशानी आती है यह कुछ ही पैनेल्स में लेखक दर्शा देते हैं। कहानी आगे बढ़ती है और ऐसी घटनाएँ होतीं हैं जिनसे हंटर शार्क फोर्स का जन्म होता है। 
हंटर शार्क फोर्स के दो सदस्य टाइगर और चीता हैं। वहीं इनकी माँ माताहारी ने इनका पालन पोषण किया है। यह तीनों ही किरदार जनेटिक्ली म्यूटेट हो चुके हैं जीव हैं। जहाँ माताहरी एक बिल्ली से बनी है वहीं टाइगर और चीता एक हंटर प्रजाति के कुत्तों से बने हैं। टाइगर और चीता के भीतर श्वान, शार्क और मानव के मिले जुले गुण हैं वहीं माताहारी के भीतर बिल्ली, शार्क और मनुष्य के गुण हैं।  प्रस्तुत कॉमिक बुक में हम न केवल इनको बनते देखते हैं बल्कि इनके द्वारा पूरे किये गए पहले मिशन को भी देखते हैं। 
कॉमिक बुक की कहानी तेज रफ्तार है। तेजी से इसमें चीजें घटित होती हैं। साथ ही  कॉमिक पढ़ते हुए यह अहसास होता है कि यह बच्चों के लिए तो नहीं ही है। अगर आप डोगा की कॉमिक पढ़ो उसके कुछ दृश्य हैं जो कि वयस्कों के लिए उपयुक्त लगते हैं। हंटर शार्क फोर्स के साथ भी ऐसा ही अहसास आपको होता है। इसके कुछ पैनल्स ऐसे बन पड़े हैं कि वह अत्यधिक हिंसक लगते हैं और वह परिपक्व पाठकों के लिए उपयुक्त होंगे। 
कहानी एक ऑरिजिन स्टोरी है। एक त्रासदी के चलते हंटर शार्क फोर्स का जन्म होता है और जिसके कारण यह त्रासदी हुई है उससे वह इस कॉमिक में लड़ते हैं। इस हिसाब से यह एक बदले की कहानी है। चूँकि यह एक सीमित पृष्ठ की कहानी है तो लेखक ने नायकों को बदला लेने के लिए तैयार करने के लिए कई संयोगों का सहारा लिया है। यह संयोग कहानी को कमजोर करते हैं। उदाहरण के लिए जिस खंडहर में हमारे नायक अपने प्राण बचाने जाते हैं उसके नजदीक ही उन्हें सैन्य प्रशिक्षण सीखने का मौका तो मिलता ही है साथ ही एक और संयोग के चलते बदला लेने के लिए उपयुक्त हथियारों का जखीरा भी मिल जाता है। ऊपर से जीवों का म्यूटेशन भी एक संयोग के चलते ही हुआ होता है। ऐसे में आपको लगता है कि संयोग थोड़े कम होते तो बेहतर होता। कॉमिक बुक की कहानी की दूसरी कमी इसके खलनायकों का नायकों के सामने अत्यधिक कमजोर सिद्ध होना भी है। अगर खलनायक नायकों को थोड़ा पसीना बहवाते तो बेहतर होता। अभी तो वह गाजर मूली की तरह खलनायकों को काटते दिखते हैं। ऐसे में कहानी में जितना रोमांच हो सकता था उतना पैदा नहीं हो पाता है। 
कॉमिक बुक के आर्ट की बात की जाए तो जैसे इसकी कहानी अतरंगी है वैसे ही इसका आर्ट वर्क भी अलग सा है। यह कहानी को कंप्लीमेंट करता है। आपको पता है कि आप एक आम दुनिया की कहानी नहीं पढ़ रहे हैं तो किरदार भी उसी तरह के बने हैं। 
अंत में यही कहूँगा कि शुरुआत के हिसाब से इस कॉमिक बुक को पढ़ा जा सकता है। हंटर शार्क फोर्स और माताहारी का यह पहला कारनामा बहुत अच्छा नहीं है तो बहुत बुरा भी नहीं है। एक बार पढ़ सकते हैं। हाँ, अगर संयोग कम होते और खलनायक थोड़ा और बेहतर होते तो कॉमिक बुक और अच्छा बन सकता था। फिर भी  यह एक नए तरह के नायकों से आपका परिचय करवाता है। यह टास्क फोर्स आगे जाकर क्या करती है यह देखने की मुझे इच्छा है। देखना है कि लेखक इनसे आगे क्या क्या करवाया है। 

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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