चक्रम जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा (Om Prakash Sharma) का गढ़ा हुआ किरदार है। चक्रम एक प्राइवेट जासूस है जिसे लेकर ओम प्रकाश शर्मा ने कई जासूसी उपन्यास लिखे थे। चक्रम शृंखला का पहला उपन्यास 1964 में प्रकाशित ‘औरतों का शिकार’ था।
चक्रम तीखा बोलने वाला पैंतालीस वर्ष का पुरुष है जिसके व्यवहार के चलते लोग उसके पास आने से हिचकते हैं। वह एक तेज तर्रार व्यक्ति है जो कि शक्ल से उतना कुशाग्र बुद्धि नहीं प्रतीत होता है। पहले उपन्यास ‘औरतों का शिकार’ में चक्रम का पहला विवरण कुछ यूँ दिया गया है:
वह थे प्राइवेट जासूस मिस्टर चक्रम।
आयु पैंतालीस से ऊपर। सिर पर छोटे-छोटे खिचड़ी बाल। कपड़े के नाम पर सिर्फ हाफ पैंट पहने जासूस महोदय मुँह में पाइप लगाए इस तरह दनादन धुआँ उड़ा रहे थे जैसे पाइप पीने की प्रतियोगिता हो रही हो। सूखा सा चेहरा, पैनी आँखें, मुख-मुद्रा ऐसी… जैसी किसी मसखरे की हो।
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चक्रम के जानकार कहा करते हैं कि चक्रम अपना स्वभाव नहीं बदल सकते।
तीखी बात कहना, हर समय झुंझलाहट को कायम रखना चक्रम की विशेषता है। शिकारी का पहनावा उनकी पेटेंट पोशाक बन चुकी है।
वही औरतों के शिकार में ही बैरिस्टर चौखट चन्द चौखानी चक्रम के विषय में यह कहता है: “बिल्कुल अकेले जाना पड़ेगा। उस आदमी को भगवान ने जितना अक्लमंद बनाया है उतना ही गुस्सैल भी। वरी, जरा सी गड़बड़ होने से कुत्ता पीछे लगा देगा।”
चक्रम अपने पालतू झबरु कुत्ते हवाबाज के साथ रहता है। हवाबाज एक तेज बुद्धि कुत्ता है जिससे चक्रम कई तरह के कार्य करवाता है। किसी का पीछा करना, लोगों की गुप्त बातों को रिकार्ड करके लाना और अपराधी पर हमला कर उसे डराने का कार्य वह बाखूबी कर लेता है।
चक्रम शृंखला में निम्न उपन्यास मौजूद हैं:
- औरतों का शिकार (1964) | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- चक्रम डाकुओं के चक्कर में
- चक्रम गायब
- एक तीर दो शिकार | पुस्तक लिंक: अमेज़न
- राजमहल का षड्यन्त्र | पुस्तक लिंक: अमेज़न