आखरी कोशिश – सुरेन्द्र मोहन पाठक

रेटिंग : ४/५
उपन्यास  ६ जून  से  ७ जून  के  बीच पढ़ा गया

संस्करण विवरण :
फॉर्मेट : पेपरबैक
प्रकाशक : न्यूज़ हंट
सीरीज : सुधीर कोहली #१

पहला वाक्य :
टेलीफोन की घंटी बजते ही मैंने आदतन अपनी कलाई घड़ी पर निगाह डाली।

आखरी कोशिश सुधीर कोहली श्रृंखला का पहला उपन्यास है। उपन्यास प्रथम बार 1980 में प्रकाशित हुआ था।  सुधीर कोहली एक प्राइवेट डिटेक्टिव है जो यूनिवर्सल इंवेस्टिगशन्स  नामक संस्था चलाता है। इस फर्म का मालिक भी वही है और एक लौता कर्मचारी भी। सुधीर एक रंगीन मिजाज़ व्यक्ति है जिसे लड़कियों से फ़्लर्ट करना अपना कर्तव्य जान पड़ता है। ऐसे में जब एक सुबह उसके पास एक मोनिका नाम की लड़की का फ़ोन आता है तो वो उससे मिलने के लिए हामी भर देता है। जब वो मोनिका से मिलने निकलता है तो उसे ऐसा महसूस होता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है। वो अपने पीछा करने वाले को डॉज देकर मोनिका से मिलता है लेकिन यह बात उसे परेशान करती रहती है कि उसका पीछा कौन कर रहा था। कौन था वो व्यक्ति और क्यों सुधीर का पीछा कर रहा था? मोनिका मिलने पर उसे एक पैकेट थमाती है जो कि उसके(मोनिका) के मुताबिक मोनिका के मालामाल बनने की आखरी कोशिश है और यही उसकी मौत की वजह भी बन सकती है। वो इस पैकेट को सुधीर को हिफाजत के लिए देना चाहती है। उस पैकेट में ऐसा क्या था जो एक साथ पैसे और मौत का फरमान था? क्या सुधीर उसकी मदद करने को तैयार हुआ?क्या मोनिका की आखरी कोशिश कामयाब हुई?क्या सुधीर एक गहरी साजिश का हिस्सा बनता जा रहा था? इन सवालों के उत्तर जानने के लिए आपको इस उपन्यास को पढ़ना पड़ेगा।

यह सुधीर कोहली का पहला कारनामा था।  इसमें सुधीर से पाठक जन पहली बार मुखातिब हुए होंगे और मेरा यकीन है कि इस उपन्यास को पढने के बाद उसके अगले कारनामे का बड़ी बेसब्री से इन्तेजार करने लगे होंगे। सुधीर कोहली एक लम्पट इंसान है और इस बात का सबूत उपन्यासों कि शुरूआती पृष्ठों में ही मिल जाता है।
कोई खूबसूरत लड़की हो और सुधीर उसके साथ flirt न  करे ये शायद ही मुमकिन हो। उसकी आशिक मिजाजी उपन्यास में देखते ही बनती है।

लेकिन उसके रंगीन मिजाज होने का उसके काम पर कोई असर नहीं पड़ता है। अपने काम के प्रति वो निष्ठावान है। उपन्यास में रहस्य कि शुरुआत तभी से होने लगती है जब सुधीर मोनिका को पहली बार मिलने के लिए निकलता है। उसे महसूस होता है कि उसका पीछा किया जा रहा है और पाठक तभी से कहानी के साथ बंध जाता है। इस वक्त के बाद रहस्य और रोमांच बढ़ता चला जाता है। क़त्ल, साजिश और धोखा सभी इस उपन्यास में पाठक को मिलेगा और पाठक को पन्नो को पलटने पर मजबूर करता रहेगा।

अंत में मैं तो केवल इतना कहूँगा पाठक साहब कि यह कृति मुझे पूरे पैसे वसूल लगी। अगर आप थ्रिलरस के शौक़ीन हैं तो आपको यह उपन्यास ज़रूर पसंद आएगा। उपन्यास के प्रति अपनी राय से मुझे अवगत करना न भूलियेगा।

उपन्यास को न्यूज़ हंट एप्प पर आप पढ़ सकते हैं। उपन्यास का लिंक:
न्यूज़ हंट 


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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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