दो गज कफ़न – सुरेन्द्र मोहन पाठक

रेटिंग : ३.५/५
उपन्यास से  के बीच  पढ़ा गया

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : ईबुक
प्रकाशक : न्यूज़ हंट

पहला वाक्य:
मानक मोहिले मुरुड के शांत समुद्र तट पर उसकी नर्म, भुरभुरी रेत पर चहलकदमी कर रहा था और सामने समुद्र की तरफ झाँक रहा था जहाँ कि छोटे बड़े कई याट खड़े थे। 

मुरूड एक शान्त इलाका था जहाँ जुर्म न के बराबर था। इसके समुद्र के नज़दीक होने के कारण ये अमीर लोगों की ऐशगाह  बन गया था जहाँ वो अपनी अपनी याट में शहर से दूर आते थे।  याट में अक्सर पार्टियाँ होती थी और माहोल खुशनुमा ही होता था।

ऐसी जगह  जब दो  खून हुए तो वहाँ के एस एच ओ अनंत भौंसले  के  ऊपर  इस  अपराध  को सुलझाने के लिए दबाव बढ़ना लाजमी था।

विलासराव मोडक और उसके पार्टनर एन शिवाराव मोडक की याट में मृत हालत में पाए गये थे।  उनको किसी ने गोली मार दी थी।
शक के दायरे में काफी लोग थे :- जिसमे शिवाराव की पत्नी मिनाक्षी राव, शिवाराव और मोडक की अच्छी दोस्त  दिव्या मेहता और कोठारी एंड ओसवाल फर्म  के मालिक शामिल थे।
अब इस गुत्थी को सुलझाने का दारोमदार था इंस्पेक्टर भौंसले पर और उसके भाँजे सुशिल शिंदे, जो की जासूसी उपन्यासों का दीवाना था और इस केस में अपनी योग्यता दिखलाना चाहता था।

आगे क्या हुआ ? क्या केस की गुत्थी सुलझी ?

आखिर किसने किये थे ये  क़त्ल या क्या वजह  थी क़त्ल की ?

जानने के लिए आपको इस उपन्यास को पढना पड़ेगा।

उपन्यास मुझे रोचक लगा।  कातिल का पता लगाना मेरे लिए तो मुश्किल साबित हुआ जिसने पढने के मज़े को  बढ़ा दिया।  कथानक अच्छा था और किरदार जीवंत लगे। उपन्यास में मुझे तो कहीं कोई कमी नहीं लगी।  उपन्यास में कई बार भौंसले और उसके भाँजे के बीच में मजाकिया संवाद भी है जो कि पाठक के चेहरे में हंसी ले आयेंगे।  इन्हें पढ़कर भी मुझे अच्छा लगा।  अक्सर, थ्रिलर्स में सारे किरदार संजीदा ही होते हैं ऐसे में अगर थोडा बहुत मज़ाक या चुहलबाजी हो तो उपन्यास में थोडा आनंद बढ़ जाता है और माहोल भी हल्का हो जाता है।
अगर आप एक अच्छी मर्डर मिस्ट्री पढना चाहते हैं तो ये उपन्यास आपकी इस इच्छा में खरा उतरेगा।

अगर आपने इस उपन्यास को पढ़ा है तो मुझे अपनी राय से जरूर अवगत करियेगा। अगर आपने उपन्यास को नहीं पढ़ा है और पढने के इच्छुक हैं तो आप इस उपन्यास को आप निम्न लिंक से मंगवा सकते हैं।
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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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