कौन बड़ा जल्लाद

रेटिंग ३/५

कौन बड़ा जल्लाद डोगा,कोबी और भेड़िया का थ्री इन वन विशेषांक है।
डोगा असम के जंगल में खूँखार ड्रग सरगना माइकल की तलाश में पहुँचता है।
माइकल जेन का भाई है और उसने जेन,कोबी और भेड़िया को ये बताया है कि वो एक आयुर्वेदिक दवाईयो को बनाता है।
जब डोगा माइकल की तलाश में उधर आता है तो कोबी और भेड़िया उसके खिलाफ हो जाते हैं। अब इन जल्लादों का टकराव होना निश्चित है।
और ये टकराव की बतायेगा कि इनमे से कौन है बड़ा जल्लाद?
ये सावधान डोगा का अगला अंक है। ये पिछले अंक से थोड़ा ज्यादा रोचक था क्योंकि इसमें तीनों माह योद्धाओं का टकराव देखने को मिला।
एक रोचक अंक जिसने मेरा पूरा मनोरंजन किया।
हाँ, इसमें एक गलती मुझे दिखी। भेड़िया को पृष्ठ 32 में छाती में गोली लगती है जिसका निशान पृष्ठ 33,34में गायब हो जाता है और फिर पृष्ठ 35 मे वापस दिखने लगता है।और इसके पश्चात न कोई मरहम पट्टी का निशान ही दिखता है और न कोई गोली का निशान।
इसके इलावा कोई कमी मुझे इस कॉमिक में नहीं लगी।एक रोचक कॉमिक जिसे पढ़कर मज़ा आया।
कॉमिक को आप निम्न लिंक से मँगवा सकते हैं:
राजकॉमिक्स


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

4 Comments on “कौन बड़ा जल्लाद”

  1. विकास जी, किताबों के लिए आपने जो वेब साइट बनाई है सबसे पहले उसके लिये आपको बहुत बहुत बधाई, आपने हर एक किताबों का विश्लेषण किया है सबसे पहले मैंने डार्क हॉर्स के विषय मे पढ़ा उसके बाद पढ़ता ही चला गया। बहुत से लोग जो विश्लेषण करते है सिर्फ साहित्यिक किताबों तक ही सीमित रहते है लेकिन, विश्लेषण मे आपके द्वारा सुरेन्द्र मोहन पाठक की किताबों, जिनमे उनके सभी किरदारों को भी शामिल किया और साथ ही कॉमिक्स को भी, इसलिये मुझे आपका ये कार्य बहुत ही सराहनीय लगा। विकास जी आप धन्यवाद के पात्र है।

    1. शुक्रिया। दिल से आभार आपका। जी, आपने सही कहा। मुझे हर तरह कि किताब पढ़ने का शौक है। और मुझे मनोरंजक साहित्य और गंभीर साहित्य में से एक को चुनने की जरूरत महसूस नहीं होती। दोनों का अपना महत्व है और उम्मीद है हिंदी वाले दोनों को प्रतिस्पर्धी न मानकर एक दूसरे के पूरक मानेंगे। अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार। आते रहियेगा क्योंकि आपकी टिपण्णी ही मुझे प्रेरित करती रहेगी।
      अपना नाम भी टिपण्णी में लिखते तो मुझे हार्दिक ख़ुशी होती।

    2. विकास जी त्वरित टिप्पणी के लिये धन्यवाद, मेरा नाम सुधीर कुमार है और मै भिलाई छत्तीसगढ़ से हूँ।

    3. शुक्रिया, सुधीर जी। ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आते रहियेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *