संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 128
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
आईएसबीएन : 9789332418486
नागराज डाइजेस्ट 10 |
जब से राज कॉमिक्स वालों ने पुरानी कॉमिक्स को एक साथ इकट्ठा करके प्रकाशित करना शुरू किया है, तब से मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं डाइजेस्ट ही खरीदूँ। इसका फायदा यह रहता है कि एक ही जिल्द में तीन चार कॉमिक्स पढने को मिल जाते हैं। अगर कथानक के कई भाग होते हैं तो वो भी एक के बाद एक पढ़े जा सकते हैं।
बहुत दिनों से कॉमिक पढने का विचार था। इस बार घर गया था तो इस डाइजेस्ट पर नज़र पड़ी। सोचा इसे ही पढ़ लिया जाये। इससे पहले मैंने डाइजेस्ट 9 पढ़ी थी।
इस डाइजेस्ट में नागराज के चार कॉमिक्स मौजूद हैं। इस पोस्ट में मैं इन्हीं के ऊपर बात करूँगा।
1. नागराज और तूफ़ान जू
8 फरवरी 2019 को पढ़ा गया
लेखक: संजय गुप्ता और तरुण कुमार वाही
सम्पादक: मनीष चन्द्र गुप्त
चित्र: मुलिक स्टूडियो
थोडांगा का सफाया करने के बाद नागराज चल पड़ा था चीन के ओर। चीन में कोया कोया हितेची नाम के गैंगस्टर ने कोहराम मचाया हुआ था। उसने अपने दो गुर्गों : तूफान और जू जू की मदद से चीन के नामी गिरामी नेताओ को बंदी बना दिया था।
क्या नागराज कोया कोया हितेची का सामना कर पाया?
कौन थे ये तूफ़ान और जू जू जिनके आगे चीन की सारी आर्मी और अन्य सुरक्षा कर्मियों ने घुटने टेक दिये थे? आखिर तोया तोया का मकसद क्या था? वो क्यों नेताओं का अपहरण कर रहा था?
कॉमिक पठनीय है। कहानी में एक्शन है। तूफ़ान और जू जू के किरदार मुझे पसंद आये। हाँ एक चीज ने मुझे थोड़ा परेशान किया। तोया तोया तूफान और जू जू जैसी शख्सियतों को नियंत्रित कैसे कर पाता था? यह मुझे समझ नहीं आया। मुझे लगा था वो इन दोनों से खतरनाक होगा। लेकिन अंत में ऐसा नहीं दिखा। तोया तोया कमजोर साबित हुआ और उसके और नागराज के टकराव ने मुझे थोड़ा निराश किया। अगर तोया तोया भी उतना ही खतरनाक होता तो कॉमिक पढ़ने में ज्यादा मजा आता।
कॉमिक एक बार पढ़ा जा सकता है।
मेरी रेटिंग : 3/5
2. नागराज और जादू का शहंशाह
9 फरवरी 2019 को पढ़ा गया
लेखक: तरुण कुमार वाही
सम्पादक: प्रताप मुलिक
चित्रांकन: मनीष चन्द्र गुप्त
मिश्र के अपराधियों की घिग्घी बंधी हुई थी। अपराध को अंजाम देते अपराधी अचानक गायब हो रहे थे।
आखिर कहाँ जा रहे सभी अपराधी?
कौन कर रहा था उन्हें गायब?
अपराधियों को गायब क्यों किया जा रहा था?
वहीं चीन में तोया तोया हितेची के अपराधिक संसार को तबाह करने के पश्चात नागराज निकल पडा था मिश्र की ओर। अब वो उस शक्ति से लड़ना चाहता था जो खुद को फराओह तूतेन खामन कहता था।
आखिर कौन था तूतेन खामन? क्या नागराज उसका मुकाबला कर पाया?
अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों को नेस्तनाबूद करने की मुहीम के चलते नागराज इस बार मिश्र पहुँच चुका है। कॉमिक की शुरुआत अजीबों गरीब हरकतों से होती है। अपराधी गायब हो रहे हैं? ये क्यों हो रहा है यह जानने के लिए पाठक कॉमिक पढ़ता जाता है। फिर नागराज आता है और सब कुछ साफ होने लगता है। वो किस तरह इस बात की तह पर जाकर अपने दुश्मन से लड़ता है यह पढ़ना कॉमिक को रोमांचक बनाता है।
इसके अलावा कॉमिक में एक खास बात ये भी है इसमें सोडांगी पहली बार नागराज से मिलती है। यह कैसे होता है यह तो कॉमिक में ही पढ़िएगा परन्तु मेरे मन में कॉमिक पढ़कर दूसरा प्रश्न उभरा है। सोडांगी जहाँ रहती थी वहाँ उसके जैसे और भी सर्प या सर्पनी रहे होंगे। उनके विषय में ज्यादा जानकारी दी होती तो और मज़ा आता।
मेरी रेटिंग: 3/5
3.अजगर का तूफ़ान
17 फरवरी 2019 को पढ़ा गया
लेखक: तरुण कुमार वाही
सम्पादक: मनीष चन्द्र गुप्त
चित्रांकन: चंदू कला निर्देशक: प्रताप मुलिक
अजगर का केवल एक मकसद था – दुनिया का सबसे अमीर इनसान बनना और इसके लिए वो कुछ भी कर सकता था। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उसने जो राह चुनी थी उसमें वो बच्चों को बलि चढ़ाना चाहता था।
आखिर क्या थी अजगर की योजना? बच्चे इस योजना में कैसे फिट होते थे?
नागराज को उस विज्ञापन ने सहर्ष ही अपनी ओर आकर्षित कर दिया था। एक बच्चा था जो कि नागराज से मदद माँग रहा था। नागराज ने उसकी मदद करने की ठानी।
फिर कुछ ऐसी घटनाएं हुई कि नागराज जा पहुँचा स्कॉटलैंड। उसका केवल एक ही मकसद था अजगर और उसके सम्राज्य को नेस्तनाबूद कर देना।
पर यह सब इतना आसान भी नहीं था। नागराज को पता नहीं था कि अजगर से लड़ने से पहले उसके दुश्मनों को अजगर के तूफ़ान से भी लड़ना पड़ता था।
आखिर नागराज स्कॉटलैंड क्यों गया? क्या था अजगर का तूफ़ान? क्या नागराज अजगर को समाप्त कर पाया?
अजगर का तूफ़ान नागराज डाइजेस्ट 10 की तीसरी कॉमिक है। कॉमिक तो रोमांचक है लेकिन इसमें कई प्लाट होल मुझे दिखे। पहला यह कि बच्चा अख़बार में विज्ञापन कैसे दे सकता था? वो भी तब जब वो किसी के चंगुल में हो। इसकी जगह यह होता कि नागराज के जासूस सर्प नागराज के पास यह जानकारी ले जाते कि फलाने को उसकी मदद की जरूरत है तो बेहतर रहता।
स्कॉट लैंड में खुल्ले आम बच्चों का शोषण हो रहा था। यह बात भी कुछ जमी नहीं। अगर यह लिखा होता कि यह सब छुपकर हो रहा है तो बेहतर होता। इसके अलावा कॉमिक में एक्शन काफी है और मनोरंजन करता है। अजगर से बेहतर गोर्रिला है जिसे देखकर सिहरन सी बदन में दौड़ जाती है।
कॉमिक के बार पढ़ा जा सकता है।
मेरी रेटिंग: 2/5
4. बकोरा का जादू
20 फ़रवरी 2019 को पढ़ा गया
लेखक: तरुण कुमार वाही
सम्पादक: मनीष चन्द्र गुप्त
चित्रांकन: प्रताप मुलिक
कई हजार साल पहले रूस में सीथियन कबीले का खौफ हुआ करता था। सीथियन कबीले के लोग न केवल लूट पाट करते थे बल्कि ह्त्या करना भी उनका प्रिय शगल था। हर लूट के बाद जो भी सीथियन सबसे ज्यादा मानव सिर प्रस्तुत करता था उसे सीथियन कबीले में ईनाम दिया जाता था और अगली लूट के लिए उसे सरदार बनाया जाता था।
लेकिन सीथियन हजारों साल पहले लुप्त हो चुके थे। वो बस किस्से कहानियों का हिस्सा बन चुके थे।
इसलिए जब रूस के खजार क्षेत्र में सीथियन कबीले के द्वारा दुबारा हमला किया गया तो किसी के कुछ भी समझ नहीं आया। और फिर शुरू हुआ सीथियन कबीले का आतंक।
क्या फ़ौज क्या पुलिस सभी इनके सामने घुटने टेकते से प्रतीत हो रहे थे। राजा बुलगार अपना कहर ढा रहा था और उन्हें कोई रोक सकता था तो केवल नागराज।
नागराज पहुँच चुका था रूस और सीथियनों से लड़ने के लिए तैयार था।
पर नागराज नहीं जानता था कि सीथियनों की मदद करते थे देवता बकोरा और उनका जादू।
क्या नागराज सीथियनों का सफाया कर पाया? आखिर हजारों साल बाद सीथियन दोबारा सक्रिय कैसे हो गये थे? क्या नागराज बकोरा के जादू से लड़ पाया?
बकोरा का जादू इस डाइजेस्ट की चौथी और आखिरी कॉमिक है।
कॉमिक की कहानी रोमांचक है। आखिर सीथियन इतने सालों बाद सक्रिय कैसे हो गये थे? यह प्रश्न पाठक को कॉमिक के पृष्ठ पलटने के लिए मजबूर कर देता है। सीथियन जैसी खूँखार फ़ौज से नागराज की भिड़ंत देखना मनोरंजक तो है ही लेकिन बकोरा के जादू के कारनामों से नागराज को टकराते देखना सोने पर सुहागा है।
नागराज के इच्छाधारी रूप का पहली बार मुझे पता चला। सूसन का किरदार भी रोचक है। बकोरा दिखने में नाग लगता है। अगर उसके विषय में ज्यादा जानकारी दी होती तो मजा आता।
कॉमिक का खलनायक बुलगार भी तगड़ा है। आखिर तक आते आते मुझे अंदाजा हो गया था कि यह कौन है। परन्तु बुलगार नागराज को तगड़ी टक्कर देता है और इसलिए उनके बीच के द्वंद को देखने में मजा आता है। मुझे ऐसे कथानक पसंद है जिसमें हीरो को खलनायक को हराने में नाको चने चबाने पड़े। ऐसे ही जीत देखने में मजा आता है। सब कुछ आसानी से निपट गया तो उसमे क्या मजा।
खैर,कॉमिक शुरुआत से लेकर अंत तक रोमांच लिए हुए है। मेरे विचार से बकोरा का जादू इस संग्रह में सबसे अच्छा कॉमिक है।
मेरी रेटिंग: 4/5
अंत में यही कहूँगा कि इस कॉमिक डाइजेस्ट में कुछ पठनीय कॉमिक्स को संग्रहित किया गया है। सभी कॉमिक एक बार पढ़े जा सकते हैं।
यह कॉमिक डाइजेस्ट आपको कैसा लगा? अपने विचारों से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा। अगर आपने इसे नहीं पढ़ा है तो आप यह कॉमिक आप निम्न लिंक पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं:
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नागराज
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