वर्ष 2020 का जे सी बी प्राइज फॉर लिटरेचर मलयाली लेखक एस हरीश को उनके उपन्यास मुस्टैश के लिए दिया गया। मुस्टैश एस हरीश के मलयाली उपन्यास मीशा का अँग्रेजी अनुवाद है। यह उपन्यास जयश्री कलाथिल द्वारा अंग्रेजी में अनूदित किया गया था।
एस हरीश केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हैं जो अपनी लघु-कथाओं के लिए जाने जाते हैं। मीशा उनका पहला उपन्यास है। इस उपन्यास की कुछ कड़ियाँ सर्वप्रथम मातृभूमि नाम के साप्ताहिक अख़बार में सिलसिलेवार प्रकाशित हुआ था जिसका प्रकाशन, कुुुछ समूूूहों के विरोध के चलते, बीच में ही रोक देना पड़ा। इसके पश्चात डी सी बुक्स द्वारा यह पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया था। केरल के कुट्टनड में बसाया गया यह उपन्यास उस जगह के समाजिक और जातीय समीकरणों की पड़ताल करता है।
वर्ष 2020 के जे सी बी पुरस्कार की घोषणा जे सी बी कंपनी के चेयरमैन लार्ड बैमफोर्ड द्वारा एक ऑनलाइन समरोह में की गयी।
जे बी प्राइज फॉर लिटरेचर भारत में अंग्रेजी में प्रकाशित या अंग्रेजी में अनूदित उपन्यासों के लिए 2018 से दिया जाता रहा है। इस पुरस्कार को जीतने वाले लेखक को 25 लाख रूपये ईनाम राशि दी जाती है।
चार सदस्यों की निर्णायक मण्डली, जिसकी अध्यक्ष तेजस्विनी निरंजना थी, ने इस बार के विजेता को चुना।
इस निर्णायक मण्डली के दूसरे सदस्य अरुनी कश्यप(लेखक और अनुवादक), रामू रामनाथन(नाटकार और निर्देशक) और दीपिका सोराबजी (टाटा ट्रस्ट्स में आर्ट और कल्चर की पोर्टफोलियो की हेड) थे।
2019 में माधुरी विजय ने इस अपने प्रथम उपन्यास द फार फ़ील्ड के लिए इस पुरस्कार को जीता था।
– विकास नैनवाल ‘अंजान’
अच्छी जानकारी। इससे भारतीय साहित्य को विदेशों में और पहचान मिलेगी।
जी सही कहा….