आलोचक आशुतोष भारद्वाज को 26वाँ देवी शंकर अवस्थी सम्मान (2020) देने की घोषणा हुई है। कोरोना के चलते यह घोषणा एक ऑनलाइन समारोह करके की गयी। उन्हें यह पुरस्कार 2019 में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक पितृवध के लिए दिया जा रहा है।
सम्मान के लिए विजेता का चयन करने वाली समिति में शामिल डॉ. राजेन्द्र कुमार, डा. नन्दकिशोर आचार्य और अशोक वाजपेयी ने सर्वसम्मिति से इस पुस्तक को चुना है।
आशुतोष भारद्वाज इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार रहे हैं। पत्रकार के तौर पर उन्हें पत्रिका के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिल चुका है। वह ऐसे एकलौते पत्रकार हैं जिन्हें लगातार चार साल यह पुरस्कार मिला है।
उन्हें 2012-13 का कृष्ण बलदेव फेलोशिप भी प्रदान किया गया था। 2017-2019 में वह इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज में फेल्लो भी रहे थे। फिलहाल वह शिमला में रहकर स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं।
उनकी अब तक तीन किताबें जो फ्रेम में नहीं था (कहानी संग्रह), डेथ स्क्रिप्ट और पितृवध प्रकाशित हो चुकी हैं।
देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान समकालीन हिन्दी आलोचना के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिवर्ष एक युवा आलोचक को उनकी एक आलोचनात्मक कृति के लिए दिया जाता है। यह सम्मान आलोचक देवीशंकर अवस्थी की स्मृति में उनके जन्म दिन 5 अप्रैल को दिया जाता रहा है।
आपको बताते चले देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान की स्थापना 1995 में स्वर्गीय देवीशंकर अवस्थी की पत्नी कमलेश अवस्थी के परिवार द्वारा की गयी थी। यह पुरस्कार हर वर्ष पैंतालीस वर्ष तक के युवा आलोचक को दिया जाता है।