राहुल सिंह को मिला 2019 का देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान

राहुल सिंह को मिला 2019 का देवीशंकर अवस्थी पुरस्कार

आलोचक राहुल सिंह को 25वाँ देवी शंकर अवस्थी सम्मान (2019) देने की घोषणा हुई है। कोरोना के चलते एक ऑनलाइन समारोह में उन्हें यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी। राहुल को यह पुरस्कार 2017 में अनन्य प्रकाशन से प्रकाशित उनकी पुस्तक विचार और आलोचना के लिए दिया जा रहा है। 

राहुल सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका से संबद्ध एएस महाविद्यालय देवघर में पिछले 13 वर्षों से अध्यापन कर रहे हैं। इनकी आरंभिक पढ़ाई और स्नातक संत जेवियर्स महाविद्यालय रांची से और स्नातकोत्तर पीजी डिपार्टमेंट ऑफ हिंदी रांची विश्वविद्यालय से हुई है। इसके बाद इन्‍होंने एमफिल व पीएचडी जेएनयू से की है। पुरस्कृत पुस्तक ‘विचार और आलोचना’ 2017 में अनन्य प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुई थी। 

इसके अलावा अंतर्कथाओं के आईने में उपन्यास, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, विश्व सिनेमा का बाईस्कोप, नॉटनल (ईबुक), 2019 आ चुकी है।

देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान समकालीन हिन्दी आलोचना के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिवर्ष एक युवा आलोचक को उनकी एक आलोचनात्मक कृति के लिए दिया जाता है। यह सम्मान आलोचक देवीशंकर अवस्थी की स्मृति में उनके जन्म दिन 5 अप्रैल को दिया जाता रहा है। 

आपको बताते चले देवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मान की स्थापना 1995 में स्वर्गीय देवीशंकर अवस्थी की पत्नी कमलेश अवस्थी के परिवार द्वारा की गयी थी। यह पुरस्कार हर वर्ष पैंतालीस वर्ष तक के युवा आलोचक को दिया जाता है। 


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *