दखल प्रकाशन पाठकों के लिए किताबों से जुड़ी दो नई योजनाएँ लेकर आया है। इन योजनाओं के अंतर्गत पुस्तकों के दो सेट आकर्षक दामों में पाठकों को मुहैया करवाये जा रहे हैं।
पहली योजना के अंतर्गत 850 रुपये मूल्य की पाँच किताबें 350 रुपये में पाठकों को मुहैया करवाई जा रही है। साथ ही यह किताबें पाठकों को मुफ़्त में डिलीवर की जाएंगी। इन पुस्तकों में तीन कहानी संग्रह और दो उपन्यास शामिल हैं।
इस योजना में निम्न पुस्तकों को पाठकों को दिया जा रहा है:
- नमक और अन्य कहानियाँ – रज़िया सज्जाद ज़हीर (कहानी संकलन)
- खिलंदड़ ठाट – विजय गौड़ (कहानी संकलन)
- स्याह सफेद और स्लेटी भी – रणवीर सिंह चौहान (उपन्यास)
- आवाजों वाली गली – कविता (कहानी संकलन)
- दमिता – रूद्राणी शर्मा (उपन्यास, असमिया से अनूदित)
दूसरी योजना कविताओं के लिए है। दखल प्रकाशन द्वारा कविताओं की पुस्तकेंआकर्षक मूल्य में पाठकों तक पहुंचाई जा रही हैं। 550 रुपये मूल्य की इन पुस्तकों को पाठक मात्र 249 रुपये की सहयोग राशि देकर प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही किताबों को मुफ़्त में पाठकों तक डिलीवर किया जाएगा।
इस सेट में आपको निम्न पुस्तकें मिलेंगी:
- इस घर में रहना एक कला है – मोहन कुमार डहेरिया
- इन सपनों को कौन गाएगा – अजेय
- खाँटी कठिन कठोर अति – शिरीष कुमार मौर्य
- नागरिक मत – हरिओम राजोरिया
अगर पाठक इन दोनों सेट को एक साथ मँगवाते हैं तो 1400 रुपये मूल्य की इन पुस्तकों को वह केवल 550 रुपये में प्राप्त कर सकेंगे।
पुस्तकें मँगवाने के लिये आपको dakhalprakashan@gmail.com पर ईमेल कर अपना अपना ऑर्डर और पता मेल करना होगा। ज्यादा जानकारी आप दखल प्रकाशन से फेसबुक पर संपर्क स्थापित कर प्राप्त कर सकते हैं:
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (01-09-2021) को चर्चा मंच "ज्ञान परंपरा का हिस्सा बने संस्कृत" (चर्चा अंक- 4174) पर भी होगी!–सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।–
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्रविष्टि को चर्चाअंक में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।
बहुत लाभदायक योजना ,
लाभप्रद जानकारी पुस्तक प्रेमियों के लिए।
साधुवाद।
जी आभार…