के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा वार्षिक तौर पर दिए जाने वाले बिहारी पुरस्कार की घोषणा की जा चुकी है। वर्ष 2022 का बिहारी पुरस्कार आलोचक और उदयपुर निवासी प्रो माधव हाड़ा को देने की घोषणा हुई है। प्रो माधव हाड़ा को यह पुरस्कार उनकी आलोचना कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ के लिए प्रदान किया जा रहा है।
प्रो हाड़ा की यह पुरस्कृत कृति 2015 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक मीरा के जीवन और समाज को नये ढब और ढंग से खोजती है। उन्होंने इस पुस्तक में मीरा के जीवन, संघर्ष और सृजन तीनों पर विश्लेषणात्मक व्याख्या प्रस्तुत की है।
पुरस्कार की निर्णायक समिति में हेमंत शेष (अध्यक्ष), मुरलीधर वैशन, मनीषा कुलश्रेष्ठ,अम्बिका दत्त, डॉ इन्दुशेखर तत्पुरुष तथा फांडेशन के निदेशक डॉ सुरेश ऋतुपर्ण (सदस्य सचिव) हैं।
के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले बिहारी पुरस्कार की शुरुआत 1991 में हुई थी। इस पुरस्कार के विजेता को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और ढाई लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाती है।