संस्करण विवरण:
फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 264 | प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस | अनुवाद: डॉक्टर सुधीर दीक्षित, रजनी दीक्षित | सम्पादन: शिरीष श्रीवास्तव | शृंखला: फेमस फाइव #4
पुस्तक लिंक: अमेज़न
कहानी
बड़ी उम्मीदों के साथ जॉर्ज, जूलियन, डिक, एन और टिमी किरीन कॉटेज पहुँचे थे। उन्होंने यकीन था कि स्कूल से दूर ईस्टर की यह छुट्टियाँ किरिन में बिताना उनके लिये एक मजेदार अनुभव होने वाला है।
पर किरिन में ऐसा कुछ हुआ कि क्वेंटिन अंकल ने चारों बच्चों को वहाँ से दूर ‘स्मगलर विला’ भेजने का निर्णय ले लिया। चूँकि स्मगलर विला में रहने वाले मिस्टर लेनॉयर को कुत्ते पसंद नहीं थे इसलिए जॉर्ज को उधर टिमी को ले जाने की इजाजत नहीं मिली।
आखिर बच्चों को स्मगलर विला क्यों जाना पड़ा?
यह स्मगलर विला क्या था और मिस्टर लेनॉयर कौन थे?
क्या टिम को यह छुट्टी बच्चों से अलग बितानी पड़ी?
और तब क्या हुआ जब बच्चे फँस गए स्मगलरों के बीच?
किरदार
जॉर्ज, जूलियन, डिक, एन, टिम – फेमस फाइव की जोड़ी
अंकल क्वेंटिन – जॉर्ज के पिता
फेनी – जॉर्ज की माँ
पियरे लेनॉयर उर्फ सूटी – डिक का दोस्त
मिस्टर लेनॉयर – पियरे के सौतेले पिता
मिसेज लेनॉयर – सूटी की माँ
मैरीबेल – पियरे की बहन
ब्लॉक -मिस्टर लेनॉयर का नौकर जो कि बहरा था
सारा – मिस्टर लेनॉयर की नौकरानी
मिस्टर बार्लिंग – लेनॉयर का पड़ोसी जो कि असल में स्मगलर था
विचार
फेमस फाइव और स्मगलरों के बीच
एनिड बलाइटन की
फेमस फाइव शृंखला का चौथा उपन्यास है। यह उपन्यास ‘फाइव गो टू स्मगलर्स टॉप’ का हिंदी अनुवाद है और इसका अनुवाद डॉक्टर सुधीर दीक्षित और रजनी दीक्षित की जोड़ी ने किया है। एक दो जगह पर छोड़ दिया जाए तो उपन्यास का अनुवाद अच्छा हुआ है।
उपन्यास के कथानक की बात करूँ तो जो बात इस उपन्यास को शुरुआती तीन उपन्यासों से अलग बनाती है वह यह है कि इस उपन्यास का कथानक
पहले उपन्यासों के तरह किरिन कॉटेज या उसके आस पास की जगह में नहीं बल्कि एक नई जगह, कास्टअवे नाम की पहाड़ी में मौजूद स्मगलर विला, के आस-पास घटित होता है। कुछ परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि जॉर्ज के साथ बाकी बच्चों को भी अपना इस्टर स्मगलर विला में मनाना पड़ता है। स्मगलर विला में उनका दोस्त सूटी भी है जो कि एक रोचक किरदार है। यह सभी बच्चे यहाँ क्या धमाचौकड़ी मचाते हैं और यहाँ किस मुसीबत से जूझते हैं यही इस उपन्यास का कथानक बनता है।
स्मगलर विला के मालिक लेनॉयर को क्योंकि कुत्ते पसंद नहीं होते हैं तो बच्चों को डर लगता है कि कहीं वह टिमी को निकाल न दें और इसलिए उपन्यास में एक पहलू बच्चों का लेनॉयर की नजर में आने से बचाते हुए टीम को रखना भी जुड़ जाता है। वह कैसे टिम को बचाते हैं और इस दौरान किन किन परेशानियों से जूझते हैं यह देखना भी रोचक रहता है।
उपन्यास मजेदार है और यह आपको बाँधकर रखता है। स्मगलर विला एक रहस्यमय जगह है और जैसे-जैसे इसके रहस्य खुलते जाते हैं उपन्यास में रोमांच भी बढ़ता जाता है। वहीं इन रहस्यमय चीजों के पीछे किसका हाथ है यह जानने की इच्छा भी आपके मन में बलवती होती चली जाती है।
उपन्यास के किरदारों की बात करूँ तो उपन्यास के किरदार कथानक के अनुरूप सही से गढ़े हुए हैं। सूटी स्मगलर विला में रहता है और वह एक रोचक किरदार है। वह कई मामलों में जॉर्ज जैसा ही लगता है। अगर वह दूसरे उपन्यासों में भी नजर आता है तो मुझे अच्छा लगेगा। इस उपन्यास में जूलियन, डिक, एन और मैरीबेल भी हैं। इनके बीच के समीकरण रोचक रहते हैं। एन हमेशा की तरह कुछ न कुछ ऐसा कहने वाली होती है जिसे रोकने के लिए उससे चेताना पड़ता है। मैरीबेल एक शांति पसंद लड़की है जो कि रोमांच से दूर जाती है। एन जिस तरह उसे संभालती है यह देखना अच्छा लगता है। इस उपन्यास में टिमी का किरदार भी महत्वपूर्ण है। भले ही उसे स्मगलर विला में छुपाकर रखा जाता है लेकिन जब मुसीबत आती है तो एक वही रहता है जो कि इस मामले को अंत तक पहुँचाकर सब ठीक कर देता है।
कई बार कुछ लोगों को लेकर हम अपने पूर्वग्रह बना लेते हैं और फिर उसी चश्मे से उन्हें देखते हैं। ऐसा करना कितना गलत होता है यह बात इस उपन्यास के अंत में जाकर इन बच्चों को पता चलती है जो कि उन्हें एक शिक्षा भी देती है।
उपन्यास में खलनायक भी मौजूद हैं लेकिन वह काफी देर में अपनी मौजूदगी दर्शाते हैं। हाँ, उनके आने से उपन्यास में रोमांच का स्तर बढ़ जाता है और उपन्यास छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
उपन्यास की कमी की बात करूँ तो ब्लॉक वाला वो प्रसंग जिसमें वह बच्चों को अपने कमरे में न होते हुए भी वहीं दिखता है मुझे थोड़ा कमजोर लगा। जिस तरह का बन्दोबस्त वो करके गया था वह इतना अधकचरा था कि किसी को भी शक हो जाना था। मुझे लगता है कमरे वाला प्रसंग बेहतर हो सकता था। वहीं उपन्यास में मुख्य खलनायक काफी देर में आते है। उससे पहले बच्चे लोग केवल टिम को ही मिस्टर लेनॉयर से बचाने के लिए बागा दौड़ी होती है और थोड़ा बहुत स्मगलर विला में होने वाले रोशनी के खेल का ही पता लगाते रहते हैं। यह मुझे तो रोमांचक लगा लेकिन किसी-किसी को यह चीज खल सकती है।
इसके अलावा अनुवाद में भी कुछ चीजें विशेषकर कुछ शब्दों जैसे कवेलु , गुलगुले का इस्तेमाल मुझे थोड़ा अटपटा लगा। कवेलु का अर्थ मुझे नहीं पता और गूगल करने पर भी साफ साफ पता नहीं चलता है। हाँ, इतना पता लगता है कि छत से जुड़ी कोई चीज है। मुझे लगता है कि अगर इसका अर्थ दिया होता तो बेहतर रहता। वहीं गुलगुले भारत में अक्सर आटे और गुड़ के बनते हैं और मीठे होते लेकिन यहाँ बच्चे उन्हें जैम के साथ खाते हुए दर्शाये गए हैं। मीठे के साथ मीठा खाना जमता नहीं है। मुझे लगता है वह कुछ और चीज खा रहे होंगे जिसका नाम बदलकर अनुवाद ने गुलगुले कर दिया। बेहतर होता कि अनुवादक वही शब्द लिखते।
अंत में यही कहूँगा कि फेमस फाइव स्मगलरों के बीच के रोचक उपन्यास है। उपन्यास मुझे पसंद आया। अगर नहीं पढ़ा है तो एक बार पढ़ सकते हैं और बच्चों को भी पढ़ने को दे सकते हैं।
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