‘आत्मानिवास’ और ‘भूत किसमें’ राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित थ्रिल हॉरर श्रृंखला की कॉमिक्स हैं। कॉमिक्स की कहानी ‘आत्मानिवास’ से शुरू होती है और ‘भूत किसमें’ में जाकर खत्म होती है। क्योंकि दोनों एक ही कथानक के हिस्से हैं तो मैंने सोचा कि दोनों के विषय में एक ही पोस्ट में लिखूँ।
आत्मानिवास
रेटिंग :2.5 /5
कहानी: 1.5/5
आर्टवर्क : 4/5
कॉमिक्स 16 मई को पढ़ी गई
संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 48
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
आईएसबीएन : 9789332414617
लेखक : तरुण कुमार वाही,चित्रांकन : अनुपम सिन्हा, पेंसिल फिनिशिंग: मो इरशाद रंग : कैलाश सिंह, प्रियम सिंह, सम्पादक : मनीष गुप्ता
श्रृंखला : थ्रिल हॉरर सस्पेंस
मलेच्छ के मन में ताकत पाने का नशा था। वो सबसे ताकतवर बनना चाहता था ताकि शहर भर में उसका रोब कायम हो। यही वो कारण था जिसके चलते उसने अपने तांत्रिक गुरु के यहाँ से आत्मानिवास चुराने की हिमाकत की। कहते हैं विनाशकाले विपरीत बुद्धि और यही बात मलेच्छ पर एकदम सटीक बैठती थी।
अब आत्मा निवास आज़ाद था और साथ में उसमें मौजूद असंख्य आत्माएं। शहर में मौत का तांडव होने वाला था। गनपत गुरु का तो यही मानना था।
क्या ये एक कोरा अंधविश्वास था या इसमें कुछ सच था?
ये जानने के लिए तो आपको इस कॉमिक्स को पढ़ना ही पढ़ेगा।
आत्मानिवास राज कॉमिक्स की थ्रिल हॉरर सस्पेंस श्रृंखला का कॉमिक है। इस कॉमिक में घटने वाली कहानी का अंत इसके अगले भाग भूत किसमें में जाकर खत्म होता है। अगर आपके पास ये कॉमिक है तो मेरी सलाह यही होगी कि आप भूत किसमें भी अपने पास रख लें। और दोनों को एक के बाद पढ़े।
आत्मा निवास की कहानी की बात करूँ तो उसमे ज्यादा कुछ नहीं है। एक चीज की चोरी होती है। फिर शहर में कुछ घटनाएं होती हैं और उन घनाओं में काफी लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ये मौत परालौकिक शक्तियों का ही काम लग रही है। कॉमिक पढ़ते हुए आप इतना तो समझ लेते हैं कि आत्मानिवास नाम की जो चीज चोरी हुई है उसी का इन मौतों से कुछ लेना देना है। लेकिन क्या ? ये समझ में नहीं आता। कॉमिक में जो घटनाएं होती हैं वो भयावह हैं। अगर आप इनके होने की कल्पना करेंगे तो जरूर आपको डर का एहसास होगा।
कॉमिक का कमजोर बिंदु ये है कि कहानी को आधे में ही रोक दिया जाता है। कॉमिक पढ़कर आपको लगता है कि ठीक है गनपत गुरु की बात सच हुई लेकिन इसे कम पैनलस में दिखाया जा सकता था। इस कॉमिक में कहानी थोड़ा आगे बढ़ाई जा सकती थी ताकि पाठक को ये तो लगे कि उसे कुछ तो मिला है। लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं है। उसके मन में काफी सवाल रह जाते हैं जिससे खीज भी उत्पन्न होती है। ऐसा लगता है जैसे खाली पार्ट बढ़ाने को इसे खींचा गया हो।
मैंने आत्मानिवास और भूत किसमें को एक के बाद एक पढ़ा और तभी इसे एन्जॉय कर पाया। अगर मैंने खाली आत्मानिवास ली होती तो मुझे इतना मजा नहीं आता। इसलिए मेरी सलाह यही होगी अगर आपने आत्मनिवास ली है तो उसे तभी पढ़ना शुरू करें जब आपके पास भूत किसमे हो।
कॉमिक्स ग्लॉसी पेपर पर छपी है तो पढने और छूने में मुझे अच्छा लगता है। क्वालिटी बेहतरीन है। आर्टवर्क भी कहानी के हिसाब से बढ़िया बना हुआ है।
कहानी के हिसाब से यह भाग निराश करता है। थ्रिल हॉरर सस्पेंस के अंतर्गत छपी इस कॉमिक में हॉरर तो है लेकिन थ्रिल और सस्पेंस इतना नहीं है।
भूत किसमे
रेटिंग :3.75/5
कहानी 3.5/5
आर्टवर्क : 4/5
कॉमिक्स 16 मई को पढ़ी गई
संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 48
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
आईएसबीएन : 9789332414686
लेखक : तरुण कुमार वाही,चित्रांकन : अतुल,सलिल, नारायण, रंग : कैलाश सिंह,प्रियम सिंह, सम्पादक : मनीष गुप्ता
शहर में हो रही विचित्र हत्याओं से सभी परेशान थे। एक फुटबॉल टीम के जब सात सदस्य इन तथाकथित प्रेतलीलाओं के शिकार हुए तो शहर में हड़कम्प मचना ही था। बचे कुचे खिलाड़ियों की बातों ने सबको हैरत में डाल दिया। इन्ही बचे हुए खिलाड़ियों में एक था अभि और उसकी एक दोस्त थी चेरी। चेरी एक जासूस थी जिसे मिस कॉफ़ी के नाम से जाना जाता था।
मिस कॉफ़ी ने निश्चय कर लिया था कि वो इन घटनाओं की जड़ तक जायेगी और कोशिश करेगी कि इन घटनाओं का अंत हो सके।
आखिर क्यों हो रही थी ये घटनाएं?
क्या आत्मानिवास इनके लिए जिम्मेदार था? अगर था तो कैसे?
और क्या चेरी उर्फ़ मिस कॉफ़ी इन घटनाओं के सिलसिले को रोक पाएगी?
इन प्रश्नों के जवाब तो आपको इस कॉमिक को पढ़कर ही मिलेंगे।
‘भूत किसमें’ आत्मानिवास का दूसरा और आखिरी भाग है। अगर आत्मा निवास से इसकी तुलना करें तो ये भाग मुझे ज्यादा पसंद आया। ये कॉमिक थ्रिल,हॉरर,सस्पेंस श्रृंखला का है और अपने इस श्रृंखला में होने को पूरी तरह से उचित सिद्ध करता है। चेरी के आने से उपन्यास में थ्रिल,सस्पेंस बढ़ जाता है।
चेरी आत्माओं की घटनाओं के राज के पीछे पड़ती है और उसे खत्म करने की कोशिश करती है। आत्मा किधर से लोगों पर लग रही है ये ही उसकी तलाश का मुद्दा होता है। कहानी के दौरान कई बार उसे लगता है जैसे उसे जवाब मिल गया लेकिन फिर दूसरी घटना होती है तो और बात वहीं रह जाती है। यही दौड़ भाग कहानी में थ्रिल और सस्पेंस बनाए रखती है। पाठक सोचता है अब तो चेरी ने केस सुलझा लिया लेकिन फिर दूसरी घटना के साथ हैरानी में पड़ जाता है। लगातार हो रही घटनाएं कहानी में हॉरर बरकरार रखती है।
क्योंकि भूत किसमे में तीनो चीजें यानी थ्रिल हॉरर सस्पेंस मौजूद थी तो मुझे ये कॉमिक काफी पसंद आया। मैं तो यहाँ तक कहूंगा कि अगर आपने आत्मा निवास नहीं भी पढ़ा है तो आप ज्यादा कुछ नहीं खोएंगे।
ये कॉमिक भी ग्लॉसी पेपर पर छपा है। आर्टवर्क की गुणवत्ता कहानी के अनुरूप है।
कॉमिक की कहानी में एक प्रसंग है जो मुझे काफी अच्छा लगा। हम आजकल सोशल मीडिया में इतने व्यस्त हो चुके हैं कि सामने मजूद रिश्तों को तरजीह नहीं देते हैं। ऐसे में हम अपने को आभासी रिश्तों के नजदीक तो पाते हैं लेकिन इसी दौरान अपने आस पास के लोगों से दूर होते चले जाते हैं। कहानी में एक युवा दम्पति है जो एक दूसरे से परेशान है। वो सुकून की तलाश में सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं और फिर जो उनके साथ होता है (हॉरर एलिमेंट को छोड़कर) सोचने पर मजबूर कर देता है कि आज कितने लोग इन जैसे होंगे। हमे अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करनी होगी और आभासी दुनिया में पूरी तरह न रम कर अपने जीवन में मौजूद दूसरे इनसानों के साथ संवाद कायम रखना होगा। क्योंकि संवाद ही वो उर्वरक है जिससे रिश्तों की जमीन में प्यार की फसल लहलहाती है। इसकी कमी हो तो ये फसल मरने लगती है।
बहरहाल ये कॉमिक मुझे पसंद आया।
आखिर में दोनों कॉमिक के विषय में मैं ये ही कहूँगा कि अच्छा होता कि आत्मानिवास और भूत किसमें को एक साथ ही प्रकाशित किया जाता। मेरी राय तो ये ही है कि जहाँ आत्मानिवास ने मुझे निराश किया वहीं भूत किसमे ने मेरा पूरा मनोरंजन किया।
अगर आपने इन दोनों कॉमिक को पढ़ा है तो आपका इनके विषय में क्या विचार है? अपने विचारों से मुझे कमेंट के माध्यम से जरूर अवगत करवाईयेगा।
ये कॉमिक्स राज कॉमिक्स की साईट पर मौजूद हैं। अगर आप इन्हें पढ़ना चाहते हैं तो इन्हें निम्न लिंक से प्राप्त कर सकते हैं:
राज कॉमिक्स आत्मानिवास
राज कॉमिक्स- भूत किसमे
राज कॉमिकस के थ्रिल हॉरर सस्पेंस श्रृंखला के दूसरे कॉमिक के विषय में मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
थ्रिल हॉरर सस्पेंस
दूसरे कॉमिक्स के विषय में मेरे विचार आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
अन्य कॉमिक्स
अच्छी कामिक्स ह
जी, सही कहा आपने। मुझे भी पढ़कर मजा आया था।
बढ़िया रीव्यू 👌👌 राज कॉमिक्स में थ्रिल हॉरर सस्पेंस में अच्छी कोमिकसें आती थीं।
जी आभार… मुझे यह सीरीज पसंद आती थी….