आर्टवर्क : 4/5
स्टोरी : 3/5
कॉमिक 30 अप्रैल,2017 को पढ़ी गयी
संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 64
लेखक : अनुपम सिन्हा
सम्पादक : मनीष गुप्ता
आईएसबीएन: 9789332408555
राजनगर में जब एक मशहूर अर्थ शास्त्री अमृत राना की लाश मिली तो हड़कंप मचना लाजमी था। एक सेमिनार के लिए राजनगर आये अमृत की किसी ने हत्या करके उनके दिमाग को चोरी कर लिया था।
इस घटना के होने के आस पास राज नगर में एक उड़न तश्तरी को भी देखा गया।
कौन कर रहा था दिमाग की चोरी? क्या उड़नतश्तरी और दिमाग की चोरी के बीच में कोई सम्बन्ध था ? और दिमाग की चोरी करने के पीछे उनका क्या मकसद था? क्या ध्रुव इस रहस्य का पर्दा उठा पाया और इन चोरों को रोक पाया ?
काफी दिनों से मेरे पास ये कॉमिक्स पड़ी हुई तो सोचा रविवार को इसे पढ़ ही लूँ। कॉमिक्स रोचक थी। ध्रुव को पढना हमेशा से ही मनोरंजक रहा है। कथानक कसा हुआ था और सस्पेंस आखिरी तक बचा रहा। एक बार कहानी के दौरान मेरे मन में एक चीज खटकी थी लेकिन बाद में जब पता चला उसी के चलते ध्रुव ने बात पता लगाईं थी तो संतुष्टि हुई।
ये कॉमिक्स ग्लॉस पेपर पे छपी है तो पढ़ते हुए और पन्नों को पलटते हुए मज़ा आ रहा था। इसके इलावा जो बात मुझे अच्छी लगी वो ये कि ये कॉमिक्स एकल है यानी इसका कोई भाग नहीं है। अक्सर मेरे साथ ऐसा होता है कि वो कॉमिक्स जो कई भागों में बंटी होती है, उनके कुछ हिस्से मेरे पास नहीं होते हैं और फिर पढने का मज़ा किरकिरा हो जाता है।इसमें ऐसा नहीं था।
एक अच्छी कॉमिक जिसने मेरा भरपूर मनोरंजन किया। एक बार इस कॉमिक्स को पढ़ा जा सकता है।
अगर आपने इसे पढ़ा है तो अपनी राय कमेट में दीजियेगा और अगर नही पढ़ा है तो निम्न लिंक्स से प्राप्त कर सकते हैं :
अमेज़न
राज कॉमिक्स
बहुत कुछ है आपके ब्लॉग पर। विकास जी..
जी मुझे उपन्यास और कॉमिक्स पढने का शौक है तो इसीलिए दोनों के विषय में इधर लिखता रहता हूँ। आते रहियेगा।
काफी मनोरंजक कॉमिक थी ये
काफी मनोरंजक कॉमिक थी ये