आज का उद्धरण

खण्डहरों के बीच जो बचा रह गया था, वह ‘ईश्वर’ था, जिसे हमने उपनिषद के उपयुक्त उद्धरण में देखा था? खुद अगोचर होता हुआ भी सृष्टि  को गोचर होता हुआ, …

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