राजभारती जी ने अपने जीवन में काफी लेखन किया और इस दौरान उन्होंने कई किरदारों को लेकर उपन्यासों की श्रृंखला भी लिखी। कमलकांत भी उनका ऐसा किरदार था जिसे लेकर उन्होंने काफी सारे उपन्यास लिखे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कमलकांत एक ऐसा व्यक्ति था जिसके अंदर टेलिपाथी की ताकत थी। इस ताकत का उपयोग कर वह किसी के भी मस्तिस्क में मौजूद जानकारी निकलवा देता है। कमलकांत का मुख्य उद्देश्य संगठित अपराध को खत्म करना है।
इस उपन्यास श्रृंखला में निम्न उपन्यास हैं:
- चक्रव्यूह
- चक्रवात
- त्रिशूल
- जोरावर
- खूनी आँखें कातिल हाथ
- कहर आँखों का
- हाई कमान
- नीली आँखों के गुलाम
- मौत का साज
- अजनबी लोग अजनबी खतरे
- नागिन
- छुछुंदर
- गोली की रफ्तार
- होश उड़ा दूँगा
- काली बिल्ली
- बवंडर
- काठ की हांडी
- नाक का बाल
- खुदा खैर करे
- अंधा खलीफा
- करामाती शय
- तिगनी का नाच
- तेरी गर्दन मेरे हाथ
- मौत खड़ी तेरे द्वार
- विषकन्या
- हिसाब बराबर
- कातिल माने न
- काम तमाम
- सारे दिमाग मेरे शिकार
- दिल तो कातिल है
अगर आपको कमलकान्त के विषय में कुछ और जानकारियाँ हैं तो हमें टिप्पणियों के माध्यम से बता दीजिये। हम अपने लेख में उसे शामिल कर देंगे।