यह दुनिया का दस्तूर है। हर नये रिश्ते के लिए जगह बनानी पड़ती है। यह कुर्बानी देना हर पुराने रिश्ते के लिए जरूरी होता है। अगर रिश्तों की हदें तय न की जातीं तो नए रिश्तों का खपना मोहाल हो जाता।
– नासिरा शर्मा, दूसरी जन्नत
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दूसरी जन्नत