आज का उद्धरण

कमलेश्वर  | काली आँधी | हिन्दी कोट्स



तो वक्त ही बदल दो….

बदलने की ताकत सबमें नहीं होती…जिनमें होती है वे…वक्त को बदलते-बदलते खुद बदल जाते हैं….वे, जिनके पास यह शक्ति है, शायद वक्त को बदलना भी नहीं चाहते…सिर्फ इस्तेमाल करना चाहते हैं।

 – कमलेश्वरकाली आँधी

किताब लिंक: किंडल


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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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4 Comments on “आज का उद्धरण”

  1. सार्थक विचार।

  2. कमलेश्वर जी ने कम-से-कम भारत के सन्दर्भ में तो बिलकुल सटीक ही कहा है। इस यथार्थपरक विचार को साझा करने के लिए आपका आभार विकास जी।

    1. जी सही कहा आपने सर.,, वैसे मुझे लगता है भारत के बाहर भी ज्यादातर लोग उसी श्रेणी के हैं जो इस्तमाल करना चाहते हैं…..

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