अगस्त का महीना शुरू हो गया है। हमारे यहाँ बारिश की शुरुआत हो गयी है। कोरोना ने जहाँ देश के लोगों की आधी कमर तोड़ दी थी वहीं अब देश के कुछ हिस्से में होने वाली मूसलाधार बारिश ने उनकी हालत पूर्णतः खराब कर दी है। पहाड़ जहाँ मैं रह रहा हूँ वहाँ भी हालत ज्यादा ठीक नहीं है। कई जगह पहाड़ दरक जा रहे हैं जिनके चलते मार्ग बंद हो जाते हैं। वहीं गाँवों के कई घर भी इससे प्रभावित हैं। उम्मीद है प्रकृति थोड़ा दया दिखाएगी और जीवन फिर अपनी लय में वापिस आ पाएगा।
यह पोस्ट जुलाई 2020 में मेरे द्वारा पढ़ी गयी किताबों के विषय में है तो अब पोस्ट के विषय में वापिस आते हैं जुलाई के महीने की बात की जाए तो जुलाई में मैंने छः किताबें पढ़ी। इससे पहले जून में पाँच ही किताबें पढ़ पाया था तो ऐसे में यह एक बेहतर आँकड़ा है लेकिन फिर भी पिछले महीनों (जनवरी,फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई) के औसत से काफी कम है। आजकल व्यक्तिगत कारणों के चलते पढ़ना न के बराबर होता है। कई बार इसे लेकर चिंतित होता हूँ लेकिन फिर सोचता हूँ जीवन जीने का नाम है। आजकल दूसरे कामों में जी रहा हूँ तो उस समय को बिता कर जब मुझे मलाल नहीं है तो फिर क्यों व्यर्थ चिंता करना। किताबें फिर उठा ली जाएँगी। फिर यह तस्सली भी है कि पढ़ना कम जरूर हुआ है लेकिन पूर्णतः छूटा तो नहीं ही है।
अगर जुलाई के महीने में पढ़ी गयी किताबों के विषय में बात की जाए तो इसमें एक लघु-उपन्यास, दो लम्बी कहानियाँ या उपन्यासिकाएं(novelette), दो उपन्यास और एक कहानी संग्रह मौजूद था। वैसे इस बार तीन किताबें किंडल में पढ़ीं और तीन किताबें पेपरबैक थी। यह दूसरे महीनों से अलग था जहाँ मैं किंडल में मुश्किल से इक्का दुक्का किताबें ही पढ़ता रहा हूँ। जबकि मेरे पास किंडल में जितनी किताबें मौजूद हैं उस हिसाब से तो मुझे ज्यादातर किताबें किंडल में पढ़नी चाहिए। पर मन है कि पेपर की तरफ ही भागता है। आप कौन से फॉर्मेट में किताबें पढ़ना पसंद करते हो??
जुलाई में निम्न किताबें ही मैं पढ़ पाया हूँ। इस पोस्ट में आगे मैं उनके विषय में संक्षिप्त टिप्पणी ही करूँगा। जिन किताबों के विषय में विस्तृत टिप्पणी की है उसके लिंक साथ दे दिया करूँगा। तो चलिए अब चलते हैं उन किताबों की तरफ जिन्होंने जुलाई के महीने में मेरा मनोरंजन किया।
जुलाई में सबसे पहले मैंने जैमी शेफील्ड की उपन्यासिका बाउंड फॉर होम पढ़ी। जैमी शेफील्ड ने टाइलर कनिंगहैम नाम के किरदार को लेकर कुछ छोटी उपन्यासिकाएं लिखीं हैं। यह उसी श्रृंखला की दूसरी किताब है। टाइलर कनिंगहैम स्मार्ट पिग्स नाम की जासूसी संस्था का मालिक है। बाउंड फॉर होम में पाठक को टाइलर के पहले केस की कहानी पता चलती है। टाइलर एक अलग तरह का किरदार है। अगर आपने बिग बैंग थ्योरी देखा है तो उसके शेल्डन कूपर की तरह इसे आम मानवीय तौर तरीके समझने में दिक्कत होती है। यह उन्हें समझने का नाटक जरूर करता है और अपना काम चला लेता है। मुझे किताब विशेषकर इसका मुख्य किरदार मुझे पसंद आया। किताब पर विस्तृत लेख इधर- Bound for Home पढ़ सकते हैं।
बाउंड फॉर होम के बाद मैंने गेब्रियल गरासिया मार्केज का लघु उपन्यास क्रोनिक्लस ऑफ़ अ डेथ फॉरटोल्ड पढ़ा। जैसे कि नाम से जाहिर है यह एक हत्या की कहानी है। सेंटियागो नासर की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि एंजेला विकारियो, जिसे उसके पति, बयार्दो सैन रोमन, ने इसलिए त्याग दिया क्योंकि वह शादी की रात को कुँवारी नहीं थी, यह ब्यान दे देती है कि उसके शादी से पहले सम्बन्ध सेंटिआगो के साथ थे। लड़की के दो भाई, पेड्रो और पाब्लो,इसे अपनी इज्जत पर हमला मानकर अपनी इज्जत की रक्षा के खातिर सेंटियागो व्यक्ति को मौत के घाट उतार देते हैं। बात पता चलने और व्यक्ति के मरने से पहले जो जो होता है उसे ही मार्केज ने अपनी इस किताब में दर्ज किया है। यह लघु उपन्यास कोलम्बिया के तटीय गाँव सुक्रे(Sucre) में बसाया गया है। इस कहानी में मार्केज ने वहाँ की संस्कृति और वहाँ के सामजिक ताने बाने को बाखूबी दर्शाया है और उस पर टिप्पणी भी की है। कभी कभी तो ऐसा लगता है जैसे यह किसी भारतीय गाँव कस्बे की कहानी हो। हाँ, एक बात जो इस किताब मुझे खली थी वह थी कि यह किताब जरूरत से थोड़ा ज्यादा लम्बी लगती है। बीस पच्चीस पृष्ठ और कम होते तो बेहतर रहता।
मार्केज के लघु-उपन्यास के बाद मैंने कँवल शर्मा जी का पहला उपन्यास वन शॉट पढ़ा। यह उपन्यास काफी पहले से मेरे पास मौजूद था तो सोचा इसे आखिर पढ़ ही लूँ। यह उपन्यास विनय रात्रा श्रृंखला का पहला उपन्यास है। विनय रात्रा एक रॉ एजेंट है जिसे अपनी भाई की मौत के चलते राजनगर आना होता है। यह एक भाई की अपने मृत भाई को इंसाफ दिलाने की दास्तान है। उपन्यास मुझे पसंद आया था। उपन्यास में रहस्य के तत्व अंत तक बरकरार रहते हैं। विनय का किरदार प्रभावित करता है। हाँ, कई जगह अनावश्यक विस्तार है जिसे सम्पादित कर दिया जाता तो कहानी और कसी हुई हो सकती थी। उपन्यास के ऊपर विस्तृत लेख इधर: वन शॉट पढ़ सकते हैं।
इसी महीने मैंने जेरेमी सील्स का कहानी संग्रह एन्ग्युइश भी खत्म किया। इसमें जेरेमी सीलस की दस कहानियाँ संकलित थी। यह सभी हॉरर genre की कहानियाँ हैं जो कि विभिन्न विषयों पर हैं। आपको इसमें भूत, शैतान, तांत्रिक, भायवह जानवर, गोलेम इत्यदि मिलेंगे जिनके कारनामें पढ़कर आप रोमांच से भर जरूर जायेंगे। संग्रह मुझे पसंद आया। वैसे भी
एंगुइश के पश्चात मैंने जो किताब पढ़ी वह सुरेन्द्र मोहन पाठक जी का उपन्यास कागज की नाव था। कागज की नाव पाठक जी का लिखा थ्रिलर उपन्यास है जो कि मुंबई के धारावी के कुछ किरदारों की कहानी है। उपन्यास के एक मुख्य किरदार इंस्पेक्टर यशंवत अष्टेकर द्वरा कहा गया वाक्य: ‘अपराध कागज की नाव की तरह होता है जो बहुत देर तक, बहुत दूर तक नहीं चल सकती।’ ही इस पुस्तक की पूरी कहानी है। यह ऐसे ही किरदारों की कहानी है जो की इस कागज की नाव में सवार है। यह नाव कैसे डूबती है इसे देखने के खातिर आप उपन्यास पढ़ते चले जायेंगे। पुस्तक के किरदार मन को छू जाते हैं और आप किताब पढ़ते चले जाते हैं। किताब के प्रति मेरे विस्तृत विचार इधर: कागज की नाव पढ़ सकते हैं।
महीने की आखिरी किताब जे एस ओ कोनर की ब्रोकन हौलो थी। यह एक उपन्यासिका है। कहानी की शुरुआत एक चिट्ठी से होती है जो कि बार्थोलोमियु जेम्स मेल्टन नामक शख्स किसी एडगर विनथ्रोप को लिखता है। इस चिट्ठी में वह बताता है कि एडगर की रूचि को ध्यान में रखते हुए वह उन्हें एक डायरी भेज रहा है जो कि उसके एक पूर्वज की थी। उसके यह परदादा मिसोरी के ब्रोकन हौलो नामक कस्बे के निकट रहते थे। वह यह भी बताता है कि डायरी में दर्ज चीजें किसी पागल का प्रलाप लग सकती हैं लेकिन यह बात तय है कि यह उसके परदादा ने लिखी थी और जिन किरदारों का इसमें जिक्र है वह कभी न कभी धरती पर विचर रहे थे। लेकिन यह बात भी सच है कि मिसोरी में किसी ब्रोकन हौलो नामक कस्बे के अस्तित्व होने का उसे कोई सबूत नहीं मिला है।
इसके पश्चात पाठक डायरी और डायरी लिखने वाले से परिचित होते हैं। जैसे जैसे आप इसे पढ़ते जाते हैं आप जानते हैं कि जिल्सन, जो कि जेम्स का परदादा था, की जिंदगी के आखिरी वर्षों में क्या हुआ था। कहानी रोचक तो है और आप इसे अंत तक पढ़ते चले जाते हैं लेकिन इसका अंत ऐसा था जिससे कुछ सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं। जैसे: जंगल में क्या था? क्या यह केवल किसी पागल आदमी का प्रलाप था या सच्ची घटना थी?
यही सवाल मन में एक तरह की असंतुष्टि पैदा करते हैं। किताब एक बार पढ़ी जा सकती है।
आजकल मैं एंड्रू डाउन्स द्वारा लिखा गया लघु-उपन्यास द फेडिंग लाइन्स (किताब का लिंक: https://amzn.to/33LhUPt) पढ़ रहा हूँ। यह एक भ्रष्ट पुलिस वाले रोमन गैलस की कहानी है। अभी तक कहानी रोचक जा रही है। यह आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ सब कुछ स्याह है, हर कोई भ्रष्ट है। अगर आपको नोयर उपन्यास पसंद आते हैं तो एक बार जरूर इसे देखिएगा। किंडल अनलिमिटेड के सब्सक्राइबर इसे मुफ्त में पढ़ सकते हैं।
अब इजाजत दीजिये।
© विकास नैनवाल ‘अंजान’